फैमिली गुरु: नवरात्र पर इन मंत्रों के साथ करें देवी के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा

इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने देवी के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा से जुड़े ऐसे मंत्र बताए हैं जिनके जप से आप मां को प्रसन्न कर सकते हैं. कालरात्रि देवी का सबसे रौद्र रूप है.

Advertisement
फैमिली गुरु: नवरात्र पर इन मंत्रों के साथ करें देवी के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा

Aanchal Pandey

  • March 23, 2018 9:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु मेंं जय मदान ने मां के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना से जुड़े मंत्र बताए हैं. उन्होंने बताया कि मां काली  की पूजा दो तरीके से की जाती है, एक सामान्य और दूसरी तंत्र साधना जो कि साधक करते हैं. यह आम आदमी के बस का नहीं है और करना भी नहीं चाहिए. हमें तो सिर्फ पूजा करके मां को प्रसन्न करना है. कालरात्रि की पूजा के लिए कुछ मंत्रों को जान लीजिए जिन्हें कैसे जपना है और इनसे क्या लाभ होगा सब जान लीजिए.

22 अक्षरी श्री दक्षिण काली मंत्र

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥

इस मंत्र के जरिये दक्षिण काली की पूजा की जाती है. शत्रुओं के नुकसान से बचने के लिए इस मंत्र के जरिये मां काली की साधना करते हैं व सिद्धि प्राप्त करते हैं.

एकाक्षरी काली मंत्र

ॐ क्रीं

यह मां काली का एकाक्षरी मंत्र है। इसका जप मां के सभी रूपों की आराधना, उपासना और साधना में किया जा सकता है। मां काली के इस एकाक्षरी मंत्र को मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र भी कहा जाता है।

तीन अक्षरी काली मंत्र

ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं॥

मां काली की साधना व उनके प्रचंड रुपों की आराधना के लिए यह तीन अक्षरी मंत्र एक खास मंत्र है।

पांच अक्षरी काली मंत्र

ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥

माना जाता है कि इस पंचाक्षरी मंत्र का जाप डेली सुबह 108 बार किया जाये तो मां काली सभी दुखों का निवारण करके उसके यहां धन-धान्य की वृद्धि करती हैं. पारिवारिक शांति के लिए भी इस मंत्र का जप किया जाता है.

षडाक्षरी काली मंत्र

ॐ क्रीं कालिके स्वाहा॥

इस षडाक्षरी मंत्र का जप सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए होता है.

सप्ताक्षरी काली मंत्र

ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥

धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह मंत्र कारगर माना जाता है.

श्री दक्षिणकाली मंत्र

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं॥

अगर आपको शत्रुओं का भय सता रहा है तो आप भी अपने गुरु के मार्गदर्शन में इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

श्री दक्षिणकाली मंत्र

क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा॥

यह भी दक्षिण काली का एक प्रचलित मंत्र है. रोग दोष आदि को दूर करने के लिए इस मंत्र से साधना करें. मां काली शीघ्र कृपा करती हैं।

श्री दक्षिणकाली मंत्र

ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥

इस मंत्र में भी मंत्रों को शामिल किया गया है जिससे मंत्र और अधिक शक्तिशाली हो जाता है. मां काली को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए सन्यासी इस मंत्र से मां काली की साधना करते हैं.

श्री दक्षिणकाली मंत्र

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा॥

यह काली माता का एक विशेष मंत्र है

भद्रकाली मंत्र

ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा॥

मां भद्रकाली के इस मंत्र का प्रयोग शत्रुओं पर जीत पाने के लिए किया जाता है. भक्त  जिस भी कामना से भद्रकाली की साधना करता है, उनकी उपासना करता है, वह पूर्ण होती है. एक बात का ध्यान रखें किसी पुरोहित के मार्गदर्शन पर ही इन मंत्रों का जप करें. और कभी भी किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए ये जप ना करें.क्योंकि मां कभी किसी का नुकसान नहीं करती. भक्तों का फायदा करती हैं इसलिए अपना मन साफ रखें और अपनी भलाई के लिए जप करें.

फैमिली गुरु: नवरात्र पर जानिए क्या है देवी के सातवें रूप मां कालरात्रि का महत्व

Navratri 2018: नवरात्रि में क्यों किया जाता है कन्या पूजन? पूजन की सही विधि और नियम

 

 

 

 

 

Tags

Advertisement