नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के खास क्रार्यक्रम फैमिली गुरु में मां लक्ष्मी की पूजा के बारे में बताया गया. प्रत्येक शुक्रवार महालक्ष्मी या यूं कहें वैभव लक्ष्मी का व्रत और पूजन किया जाता है. इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को धन व बरकत से परिपूर्ण करती हैं. इसीलिए मां लक्ष्मी की पूजन सभी नियमों का पालन करने के साथ करनी चाहिए.
महालक्ष्मी व्रत के दौरान इन नियमों के पालन करें
– महालक्ष्मी व्रत के दौरान शाकाहारी भोजन करें.
– पान के पत्तों से सजे कलश में पानी भरकर मंदिर में रखें। कलश के ऊपर नारियल रखें.
– कलश के चारों तरफ लाल धागा बांधे और कलश को लाल कपड़े से अच्छी तरह से सजाएं. कलश पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं. स्वास्तिक बनाने से जीवन में पवित्रता और समृद्धि आती है.
-कलश में चावल और सिक्के डालें। इसके बाद इस कलश को महालक्ष्मी के पूजास्थल पर रखें.
-कलश के पास हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें. मिट्टी का हाथी बाजार से लाकर या घर में बना कर उसे सोने के आभूषण से सजाएं. नया खरीदा सोना, हाथी पर रखने से पूजा का विशेष लाभ मिलता है.
– माता लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र भी रखें. कमल के फूल से पूजन करें.
-सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई व फल भी रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की इन मंत्रों के साथ कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें.
-इन आठ रूपों में मां लक्ष्मी की पूजा करें- श्री धन लक्ष्मी मां, श्री गज लक्ष्मी मां, श्री वीर लक्ष्मी मां, श्री ऐश्वर्या लक्ष्मी मां, श्री विजय लक्ष्मी मां, श्री आदि लक्ष्मी मां, श्री धान्य लक्ष्मी मां और श्री संतान लक्ष्मी मां.
ऐसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
आज हाथी पर विराजी मां लक्ष्मी की पूजा करती हैं. शाम के समय शुद्धता पूर्वक घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर केसर मिले चन्दन से अष्टदल बनाकर व चावल रख जल कलश रखें.
– कलश के पास हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें. मिट्टी का हाथी बाजार से लाकर या घर में बना कर उसे सोने के आभूषण से सजाएं. नया खरीदा सोना हाथी पर रखने से पूजा का विशेष लाभ मिलता है.
– माता लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र भी रखें. कमल के फूल से पूजन करें.
सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई व फल भी रखें.
– इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की इन मंत्रों के साथ कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें-
– ऊँ आद्यलक्ष्म्यै नम:
– ऊँ विद्यालक्ष्म्यै नम:
– ऊँ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
– ऊँ अमृतलक्ष्म्यै नम:
– ऊँ कामलक्ष्म्यै नम:
– ऊँ सत्यलक्ष्म्यै नम:
– ऊँ भोगलक्ष्म्यै नम:
– ऊँ योगलक्ष्म्यै नम:
– इसके बाद धूप और घी के दीप से पूजा कर मिठाई या भोग लगाएं और महालक्ष्मी की आरती करें.
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