Nag panchami puja 2018: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर नाग पंचमी पड़ती है. इस दिन नागदेव व सांपों की पूजा की जाती है. इस दिन भक्त सांपों को दूध पिलाते हैं जोकि सरासर गलत है इससे भक्तों को पुण्य नहीं बल्कि पाप लगता है.
नई दिल्ली. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर नाग पंचमी पड़ती है. इस दिन नागदेव व सांपों की पूजा की जाती है. इस दिन श्रद्धालु नाग को दूध पिलाते हैं और अपनी मनोकामना करते हैं. अक्सर फिल्मों में आपने देखा होगा कि नाग पंचमी पर दूध पिलाते हैं लेकिन इंडिया न्यूज के शो फैमिली गुरु में एस्ट्रोलॉजर जय मदान ने बताया कि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. ऐसा कहने के पीछे की वजह भी है.
बहुत कम लोगों को ही मामूल है कि सांप दूध नहीं पीते इसलिए नाग पंचमी पर उन्हें दूध पीलाने की कोशिश ना करें. ये उनके लिए जहर साबित हो सकता है. धर्म के नाम पर कुछ लोग सांपों को जबरदस्ती दूध पिलाते हैं. सांप दूध को हजम नहीं कर पाते क्योंकि उनका शरीर उसके मुताबिक ढला नहीं होता. दूध पीने से सांप के फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है. और दूध पीने के कुछ दिनों में उनकी मौत हो जाती है. इसलिए आप ये पाप बिल्कुल ना करें. आपको बस संकेत स्वरुप प्रतिमा को या चित्र को दूध अर्पित करना है. नाग को नहीं पिलाना. ये आपके और नाग दोनो के लिए जानलेवा है.
भक्त सांप को तीनों लोक के स्वामी भगवान शिव के आभूषण के रूप में देखते हैं इसलिए सांपों की विशेष पूजा की जाती है..देव-दानवों के बीच जब समु्द्र मंथन हुआ था तब वासुकी नाग की सहायता से ही ये संभव हो पाया था और इस मंथन से ही अमृत निकला था इसलिए भी नागों की पूजा होती है. भगवान विष्णु भी शेषनाग की शय्या में विश्राम करते हैं इसलिए भी इनकी पूजा होती है. बारिश के दिनों में सारे जीव-जन्तु अपने बिल से बाहर निकलकर किसी सुरक्षित स्थान की तलाश में भटकते है. ऐसे में ये जहरीले जीव-जन्तु हमारे घर में प्रवेश करके हमें नुकसान पहॅुचा सकते है इसलिए पूजा के जरिये इनसे प्रार्थना की जाती है कि वो किसी को नुकसान ना पहुंचायें. बारिश के वजह से अपना बिल छोड़ने को मजबूर सांप जब हमारे घर में मेहमान बनकर आते है तब उसे आश्रय देकर आप पुण्य कमा सकते हैं. इसलिए सावन में नाग पंचमी का उत्सव मनाया जाता है.