Vishwakarma Puja 2018: हर साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जाती है. इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने की जाती है. कारोबारी और नौकरी पेशी इस दिन पूजा करते हैं. जानिए क्या है पूजन विधि और म
नई दिल्ली. कल विश्वकर्मा पूजा भी है. हर साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जाती है. हिंदू मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. इसीलिए कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा इसी दिन की जाती है.विश्वकर्मा भगवान की पूजा को खासतौर पर कारोबारी इत्यादि भक्त करते हैं. इंडिया न्यूज के खास कार्यक्रम फैमिली गुरु में एस्ट्रोलॉजर जय मदान ने बताया कैसे करें विश्वकर्मा की पूजा और महत्व क्या है.
भगवान विश्वकर्मा पूजा मंत्र
विश्वकर्मा पूजा सुबह 7 बजकर 1 मिनट के बाद कर सकते हैं. इस दिन भगवान विश्वकर्मा जी का एक मंत्र है. कहते हैं उस मंत्र के जाप के बिना विश्वकर्मा जी की आरती और पूजन पूरा नहीं माना जाता है.
ओम आधार शक्तपे नम: और ओम् कूमयि नम:; ओम् अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:
भगवान विश्वकर्मा पूजन विधि
इस खास दिन पत्नी के साथ पूजा स्थान पर बैठें. इसके बाद विष्णु भगवान का ध्यान करे और फिर बाद में हाथ में फूल, अक्षत लेकर, ऊपर बताये गए मंत्र का जप करें. जप करके चारो ओर अक्षत छिड़के और पीली सरसो लेकर चारो दिशाओं में छिड़के. अपने आप को रक्षासूत्र बांधे और पत्नी को भी बांधे और साथ ही फूल जलपात्र में छोड़ें. इसके बाद हृदय में भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करे. पूरे विश्वास के साथ रक्षादीप जलाये, जल के साथ फूल औप सुपारी लेकर संकल्प करें. शुद्ध भूमि पर कमल बनाएं. उस स्थान पर सात धान रखें और मिट्टी और तांबे का जल डालें.
इसके बाद कपड़े से कलश का आच्छादन करें. चावल से भरा पात्र समर्पित कर ऊपर विश्वकर्मा बाबा की मूर्ति स्थापित करें और वरुण देव का आह्वान करें. भगवान विश्वकर्मा जी को पूरे विश्वास के साथ फूल चढ़ाकर कहना चाहिए. ‘हे विश्वकर्मा जी, इस मूर्ति में विराजिए और मेरी पूजा स्वीकार कीजिए. इस प्रकार पूजन के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि की पूजा कर हवन यज्ञ करना होता है. इसी पूजा को करने से आपकी दुकान और आपका कारोबार कभी घाटे में नहीं होगा.
Vishwakarma Puja 2018 : 17 सितंबर को ही क्यों मनाई जाती है विश्वकर्मा पूजा, ये है पूजा विधि