family guru: भाद्रपद के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत होती है. इस बार पितृपक्ष 24 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चलेंगे. इन दिनों पित्रों की तर्पण और मृतक पूर्वजों की शांति के लिए पूजा की जाती है.
नई दिल्ली. हर साल भाद्रपद के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा से पितृपक्ष का आरंभ होता है. साल 2018 में पितृपक्ष 24 सितंबर से शुरू हो गया हैं, जो 8 अक्टूबर तक चलेगा. इन दिनों मृतक पूर्वजों की शांति के लिए पूजा आदि की जाती है. पित्रों की पूजा करने से घर की सुख शांति बन रहती हैं और इन्हें श्राद्ध में तर्पण करना आवश्यका होता है. घर में पीने के पानी का स्थान दक्षिण दिशा में हो उस घर को पितृदोष अधिक प्रभावित नहीं करता साथ ही अगर आप उसी जगह पर घी का दीपक लगाया जाए तो पितृदोष परेशान नहीं करता. पीने के पानी का स्थान उत्तर या उत्तर-पूर्व में भी है तो भी उसे उचित माना गया है और उस पर भी पितृ के निमित्त दीपक लगाने से पितृदोष का नाश होता है क्योंकि पानी में पितृ का वास माना गया है और पीने के पानी के स्थान पर उनके नाम का दीपक लगाने से पितृदोष की शांति होती है.
पितृदोष में इन उपायों से होगा लाभ
1) घर में कभी-कभी गीता पाठ करवाते रहना चाहिए.
2) प्रत्येक अमावस्या को जरुरतमंद को भोजन जरुर करवायें.
3) भोजन में खीर जरुर बनाए.
4) हर रोज कम से कम पच्चीस मिनट के लिए खिड़की जरुर खोलें, इससे कमरे से निगेटिव एनर्जी बाहर निकल जाएगी और साथ ही सूरज की रोशनी के साथ घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवेश हो जाता है.
5) हर महीने की एक तारीक को अग्नि पूजा अवश्य करनी चाहिए. अग्नि सब प्रकार के गुणों को बढाती है.
6) साल में एक दो-बार हवन करें.
7) घर में अधिक कबाड़ एकत्रित ना होने दें.
8) शाम के समय एक बार पूरे घर की लाइट जरूर जलाएं.
9) सुबह-शाम सामूहिक आरती करें.
10) महीने में एक या दो बार उपवास करें.
11) घर में हमेशा चन्दन और कपूर की खुशबू का प्रयोग करें.
12) घर या वास्तु के मुख्य दरवाजे में दहलीज जरुर बनवाएं. इससे कई तरह की निगेटिव एनर्जी का घर में प्रवेश नहीं होता है.
13) प्रवेश द्वार के ऊपर बाहर की ओर गणपति अथवा हनुमानजी का चित्र लगाना और आम, अशोक आदि के पत्ते का तोरण बंदनवार बांधना भी मंगलकारी है.
14) जिस घर, इमारत, प्लाट के बीच की जगह पर कुआं या गड्ढा रहता है वहाँ रहने वालों की प्रगति में रुकावट आती है और अनेक तरह के दुःख और कष्टों का समाना करना पड़ता है। आखिर में मुखिया का और घर का नुकसान हो सकता है.
15) अगर किसी घर में वास्तुदोष का पता ना चल रहा हो तो उस मकान के चारों कोनों में एक-एक कटोरी मोटा नमक रखा जा सकता है. कभी कभी नमक के पानी का पौंछा लगाया जाय. ये सब भी आपको पितृदोष से बचाता है.
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