फैमिली गुरु: होलिका दहन पर पूजा पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है. पूजा के बाद जब होलिका दहन हो जाती है तो उसकी पवित्र राख को घर लाकर किसी गमले में डाल दें. इससे आपके घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आएगी.
नई दिल्ली: होली की तैयारी हर घर में शुरू हो गई है. रंगों के इस त्योहार पर हर कोई अबीर गुलाल और फूलों की होली एक दूसरे के साथ खेल कर त्योहार का आनंद उठाता है. वहीं होलिका दहन वाले दिन पूजा पाठ का महत्व भी है. फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है. शास्त्रों की मानें तो पूर्णिमा के दिन ही होलिका दहन किया जाता है. इस बार 1 मार्च को सुबह 8 बजे से पूर्णिमा तिथि लग रही है लेकिन पूर्णिमा के साथ भ्रद्रा भी लग रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है. इसलिए भद्रा समाप्त होने के बाद होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन के बाद उसकी राख का भी काफी महत्व होता है. वो महत्व क्या है इस पर जानकारी दी फैमिली गुरु डॉ जय मदान ने.
होलिका दहन पर पूजा पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है. पूजा के बाद जब होलिका दहन हो जाती है तो उसकी पवित्र राख को घर लाकर किसी गमले में डाल दें. इससे आपके घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आएगी. इस टोटके के बारे में कम ही लोगों को जानकारी होगी. अगर आप के घर के आप पास कहीं होलिका दहन देखने को नहीं मिल रही है और काम में व्यस्तता के चलते आप होलिका दहन की पूजा में शिरकत नहीं कर पा रही हैं तो अपनी घर के बाहर एक तसले में होलिका दहन कर सकते हैं. इस तसले में भी पूजा के बाद जो राख बचती है उसे भी आप अपने घर के गमले में डाल सकते है.
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