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Family Guru: इस रत्न को धारण करने से एक साथ होंगे दूर 100 संकट

Family Guru: इंडिया न्यूज के खास शो फैमिली गुरु में जय मदान ने रत्न के बारे में बताया है कि कौन सा रत्न धारण करने से परेशानी खत्म हो जाएगी. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कई तरह के रत्न होते हैं. हर रत्न किसी विशेष परेशानी या किसी खास मकसद से ही धारण किया जाता है. गुस्सा शांत करने के लिए चांदी पहनने को कहा जाता है. शनि साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रकोप से बचने के लिए घोड़े की नाल या लोहे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है

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family guru
  • October 24, 2018 7:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. Family Guru: इंडिया न्यूज के खास शो में जय मदान ने रत्न की बात की है. शो में बताया है कि किस तरह के रत्न को धारण करने से कौन सी परेशानी खत्म होती है. सही रत्न हमारी परेशानी को खत्म कर देता है तो वहीं कुछ रत्न से हमारे काम भी खराब हो जाते है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कई तरह के रत्न होते हैं. हर रत्न किसी विशेष परेशानी या किसी खास मकसद से ही धारण किया जाता है. रत्नों के अलावा ज्योतिष शास्त्र में मेटल जिसे हिंदी में धातु कहते हैं उसका भी बहुत महत्व है.

गुस्सा शांत करने के लिए चांदी पहनने को कहा जाता है. शनि साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रकोप से बचने के लिए घोड़े की नाल या लोहे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है. मेटल किसी खास रत्न के साथ मिला दी जाए, तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है. यही कारण है कि रत्न को किसी विशेष मेटल से बनी अंगूठी में ही धारण करने की सलाह दी जाती है.
लेकिन किस रत्न के लिए कौन से मेटल का उपयोग करना चाहिए वो जानिए. ये नियम जानना बेहद जरूरी है। अमूमन हर रत्न किसी विशेष मेटल के लिए ही बना है. उसके अलावा उसे मेटल में नहीं बनवाना चाहिए। लेकिन अगर कोई बदलाव हो तो वो कुंडली के आधार पर ही किया जाता है। कुछ लोगों के लिए ‘चांदी मेटल’ शुभ नहीं होती। इसलिए उन्हें यह धारण नहीं करनी चाहिए.

ऐसे में यदि उन्हें इसी मेटल में पहना गया रत्न धारण करना पड़े, तो उन्हें कोई दूसरा अलटेरनेट भी देखना चाहिए. अगर कोई ‘रूबी’ रत्न धारण करने जा रहा है, तो इसे तांबा या सोना, इन मेटल के प्रयोग से ही बनवाएं और धारण करें। पन्ना रत्न के लिए सोना बिलकुल ठीक मेटल है. इसके बाद मोती धारण कर रहे हैं तो इसे हमेशा चांदी में ही पहनें, मोती को कभी सोने में नहीं पहनना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति नीलम धारण कर रहा है तो उसे सोने या प्लैटिनम में बनवाएं. पुखराज और मूंगा रत्न भी सोने में ही बनवाकर धारण किया जाता है. मूंगा रत्न को यदि सोने में ना बनवा सके, तो उसे तांबे में भी बनवाकर पहन सकता है. ओपल रत्न को चांदी में पहना जाता है. गोमेद और लहसुनिया को अष्टधातु या त्रिलोह में बनवाकर पहनें

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