Family Guru Dussehra 2018: दशहरे पर शनिदेव के प्रिय शमी का ये उपाय बदल देगा आपकी किस्मत

Family Guru Dussehra 2018: इंडिया न्यूज के पॉपुलर शो फैमिली गुरु में दशहरे के पावन मौके पर शमी के पत्तों के उपाय के बारे में बताया है जो कि हर तरह की परेशानी को दूर कर देंगे. शनि के प्रकोप से बचने के लिए शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं. शमी के पेड़ की लकड़ी शनि पूजा में भी उपयोग की जाती है ताकि उनका हाथ सिर पर बना रहे.

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Family Guru Dussehra 2018: दशहरे पर शनिदेव के प्रिय शमी का ये उपाय बदल देगा आपकी किस्मत

Aanchal Pandey

  • October 18, 2018 7:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. Family Guru Dussehra 2018: इंडिया न्यूज के खास शो फैमिली गुरु में दशहरे के मौके पर शमी के पत्तों के उपाय के बारे में बताया है. शमी के पेड़ की कई पौराणिक मान्यताए हैं. यज्ञ में भी शमी के पत्तों का हवन गुणकारी माना गया है. शमी का वृक्ष आठ से दस मीटर तक ऊंचा होता है .शाखाओं पर कांटे होते हैं. शमी का पेड कैसा होता है. आपके घर के आसपास मिल जाएगा.

स्कंदपुराण के मुताबिक कौत्स ने अपने गुरु ऋषि विश्वामित्र को भेंट देने के लिए राजा रघु से धन मांगा. रघु भगवान राम के पूर्वज थे. राजा रघु अपना सारा धन विश्वजीत यज्ञ में लगा चुके थे, कौत्स खाली हाथ न जाएं, इसलिए उन्होंने धन के राजा कुबेर को इस दिन हराया. कुबेर ने 14 करोड़ सोने के सिक्के शमी के पेड़ पर बरसाए जो कौत्स ने अपने गुरु को भेंट किए, जिन्होंने उन्हें गरीबों में बांट दिया। इसीलिए शमी के पेड़ की पत्तियों को आज पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

• शनि के प्रकोप से बचने के लिए शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं.
• शनि की साढ़े साती में शमी के पेड़ की पूजा से शनि देव की कृपा मिलेगी.
• Land problems दूर करने के लिए शमी के पेड़ की पूजा करें.
• Good luck के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों को शमी के पेड़ के पत्ते देने की भी मान्यता है.
• शमी के पेड़ की लकड़ी शनि पूजा में भी उपयोग की जाती है ताकि उनका हाथ सिर पर बना रहे.
• शनि की लगातार कृपा पाने के लिए हर शनिवार, शमी के पेड़ की पूजा विशेष लाभदायक है.
• घर के west में शमी का पेड़ लगाने से आपको चौतरफा लाभ मिलेगा.
• शमी का इतना महत्व है कि कुछ भी नहीं मिलने की स्थिति में शिवलिंग पर सिर्फ शमी पत्र चढ़ाने से रूद्राभिषेक का फल प्राप्त होता है. कथा है कि अज्ञातवास के दौरान श्रीकृष्ण के कहने पर अर्जुन ने सिर्फ शमी पत्र भगवान शंकर के शिवलिंग पर चढ़ाकर अपना मनोवांछित अस्त्र प्राप्त किया था. उस वक्त अर्जुन के पास ना जल था और न अन्य कोई सामग्री

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