इंडिया न्यूज के कार्यक्रम फैमिली गुरु में जय मदान ने बताया है कि अगर आप अपने घर में भगवान कृष्ण की मू्र्ति स्थापित करना चाहते हैं तो इससे पहले आपको कुछ चीजों का ध्यान देना चाहिए.
नई दिल्ली. श्रीकृष्ण को 6 चीजें बहुत प्रिय हैं. उसमें एक है बासुंरी, दूसरी गाय, तीसरी मिश्री, चौथी मोर पंख पांचवा कमल और छठा वैजयंती माला .इसलिए जब आप श्री कृष्ण की मूर्ति को स्थापित करें, तो ध्यान रखें कि उसके साथ ये 6 चीजें जरूर हों. जो भी भक्त श्रीकृष्ण को ये 6 चीजें अर्पित करता है, उसके घर सुख समृद्धि और ऐश्वर्या की कमी नहीं होती.जानिए कैसे.
श्रीकृष्ण को तीन वजह से बांसुरी बहुत पसंद है, पहला बांसुरी एकदम सीधी होती है. उसमें किसी तरह की गांठ नहीं होती है. जो संकेत देता है कि अपने अंदर किसी तरह की गांठ मत रखो. मन में बदले की भावना मत रखो. दूसरा बिना बजाए ये बजती नहीं है. मानो बता रही है कि जब तक ना कहा जाए तब तक मत बोलो और तीसरा जब भी बजती है मधुर ही बजती है. जिसका अर्थ हुआ जब भी बोलो, मीठा ही बोलो.
कहते हैं गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास होता है. साथ ही, गाय सभी गुणों की खान है. इसलिए श्रीकृष्ण को गाय अतिप्रिय है. घर के मंदिर में कृष्ण जी के साथ ही गाय और बछड़ा भी रखना चाहिए.
मोर का पंख देखने में बहुत सुंदर होता है. इसलिए इसे सम्मोहन का प्रतीक माना जाता है. मोर को चिर-ब्रह्मचर्य युक्त प्राणी समझा जाता है. इसलिए श्री कृष्ण मोर पंख धारण करते हैं. मोर मुकुट का गहरा रंग दु:ख और कठिनाइयों, हल्का रंग सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. एक जरूरी बात जान लीजिए- श्रीकृष्ण के सिर पर सुशोभित मोर पंख का वास्तु शास्त्र में में बहुत महत्व है. आपके घर में लगा मोरपंख आपकी जिंदगी बदल सकता है.
श्रीकृष्ण को कमल भी बहुत प्रिया है. कमल कीचड़ में उगता है लेकिन हमेशा कीचड़ से अलग ही रहता है. इसलिए कमल पवित्रता का प्रतीक है. कान्हा को माखन मिश्री बहुत ही प्रिय है. मिश्री का एक महत्वपूर्ण गुण यह है कि जब इसे माखन में मिलाया जाता है, तो उसकी मिठास माखन के कण-कण में घुल जाती है. उसके प्रत्येक हिस्से में मिश्री की मिठास समा जाती है. मिश्री वाला माखन जीवन और व्यवहार में प्रेम को अपनाने का संदेश देता है.
भगवान के गले में वैजयंती माला है, जो कमल के बीजों से बनी हैं. दरअसल, कमल के बीज सख्त होते हैं. कभी टूटते नहीं, सड़ते नहीं, हमेशा चमकदार बने रहते हैं. इसका मतलब ये है, जब तक जीवन है, तब तक ऐसे हमेशा प्रसन्न रहो . दूसरा यह माला बीज है, जिसकी मंजिल होती है भूमि. भगवान कहते हैं जमीन से जुड़े रहो, कितने भी बड़े क्यों न बन जाओ. हमेशा अपने अस्तित्व की असलियत के नजदीक रहो.
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