हर शनिवार शनि देवता कि पूजा की जाती है. ज्योतिषी के अनुसार कहा जाता है अगर शनिदेव की पूजा यदि सच्चे मन से की जाए तो हर बिगड़े काम बनते हैं और शनिदेव की असीम कृपा मिलती है और ग्रहों की दशा भी सुधरती है.
नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम फैमिली गुरु में एस्ट्रोलॉजर जय मदान ने शनि देव को प्रसन्न करने वाले अचूक उपायों के बारे में बताया. जिन किसी भी जातकों की कुंडली में शनि दोष हैं उन्हें प्रत्येक शनिवार भगवान शनिदेव की पूजा करनी चाहिए. शनिदेव की पूजा करने से हर बिगड़े काम बनते हैं और घर की अला बला दूर होती हैं. शनिदेव के सरसों के तेल का दिया जलाना बेहद शुभ होता है.
1) दोनों समय भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें.
2) बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने को दें.
3) अगर शनि की अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा का सेवन न करें.
4) रोजाना पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ऊं नमः शिवाय का जाप करें शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है.
5) घर के किसी अंधेरे भाग में किसी लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें.
6) शुक्रवार की रात में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को सुबह उन्हें पीसकर और गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले 7) घोड़े को खिला दें। आठ शनिवार तक यह प्रयोग करें.
8) शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें। पहली रोटी उसे खिलाएं, सिंदूर का तिलक लगाएं, सींग में मौली बांधे और फिर मोतीचूर के लड्डू खिलाकर उसके चरण स्पर्श करें.
9) रोजाना शनिवार को वट और पीपल वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पूर्व कड़वे तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध और धूप अर्पित करें.
10) शनिवार को ही अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको मांझकर माला कि तरह गले में पहनें.
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