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फैमिली गुरु: क्या आपकी बेटी ससुराल सुखी नहीं है तो ये महाउपाय करेगा मदद

28 अक्टूबर यानी शनिवार को गोपाष्टमी है. आज के दिन गायों की विशेष पूजा का बड़ा महत्व होता है. शास्त्रों में उल्लेख है कि कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को गायों को स्नान कराकर, उन्हें मेहंदी, सिंदुर आदि से सजाकर पूजा करनी चाहिए.

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  • October 28, 2017 1:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: 28 अक्टूबर यानी शनिवार को गोपाष्टमी है. आज के दिन गायों की विशेष पूजा का बड़ा महत्व होता है. शास्त्रों में उल्लेख है कि कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को गायों को स्नान कराकर, उन्हें मेहंदी, सिंदुर आदि से सजाकर पूजा करनी चाहिए. इसके बाद गायों के साथ कुछ दूर तक सैर करनी चाहिए. बताया जाता है ऐसा करने से जीवन में उन्नति आती है. इसके साथ ही गायों को भोजन कराना चाहिए और उनकी चरण को मस्तक पर लगाना चाहिए, ऐसा करने से सौभाग्य की वृध्दि होती है.
 
शास्त्रों के मुताबिक गाय के शरीर में तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का निवास होता है. गाय के दूध के सेवन से मोटापे की समस्या नहीं होती है. एक भी गाय घर में रखने से और सेवा करने से दरिद्रता नहीं आती. अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे गाय के दूध का उपाय करना चाहिए. दिन के अच्छे मुहुर्त में जो पंचाग से पता चल जाएगा. किसी पवित्र बहती हुई नदी में दूध प्रवाहित करें. दूध प्रवाहित करते समय कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए अपने इष्टदेव से प्रार्थना करें. ऐसा करने पर निश्चित ही कालसर्प दोष के बुरे प्रभाव दूर होने लगेंगे. इस उपाय को समय-समय पर करते रहें.
 
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र से संबंधित दोष है तो उसे दूध का दान करना चाहिए. किसी भी गरीब बच्चे को दूध पीने को दें. इसके अलावा किसी सुहागन स्त्री को दूध से बनी मिठाई दान में दे सकते हैं. किसी भी सप्ताह के रविवार को एक गिलास दूध का उपाय करेंगे तो आप पैसों का सुख प्राप्त करने लगेंगे. रविवार की रात को सोते समय 1 गिलास में दूध भरकर अपने सिर के पास रखकर सोना है. इसके लिए ध्यान रखें कि नींद में दूध गिरना नहीं चाहिए.
 
अगर कोई रोज पीपल की जड़ में कच्चा दूध और जल अर्पित करता है तो उसे सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो जाती है. ऐसा माना जाता है कि पीपल के वृक्ष सभी देवी-देवताओं का वास होता है. इसी वजह से जो भी व्यक्ति पीपल में कच्चा दूध और अर्पित करता है उसकी सभी समस्याएं दूर हो जाती है. दूध और जल अर्पित करने के बाद पीपल की परिक्रमा भी करना चाहिए. किसी स्त्री का बार-बार गर्भपात हो जाता हो तो उसे नियमित रूप से गाय के दूध एवं चावल से बनी खीर का सेवन करना चाहिए. लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद. अगर पैसों की जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहा है तो रोजाना शिवलिंग पर दूध अर्पित करना चाहिए. सुबह जल्दी उठकर फ्रेश हो जाएं. फिर घर से कच्चा दूध लेकर किसी शिव मंदिर जाएं. मंदिर में शिवलिंग पर जल, दूध, फूल, अक्षत अर्पित करें और प्रार्थना करें. इस उपाय से पैसों की समस्या दूर हो जाती हैं.
 
गोपाष्टमी को ब्रज संस्कृति का एक प्रमुख उत्सव माना जाता है. कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण लीला शुरू की थी. गोपाष्टमी ब्रज में संस्कृति का एक त्योहार है. गायों की रक्षा करने की वजह से भगवान श्री कृष्ण जी का नाम ‘गोविन्द’ पड़ा. कार्तिक, शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था. 8वें दिन इन्द्र कृष्ण की शरण में आये. कामधेनु ने श्रीकृष्ण का अभिषेक किया और उसी दिन से इनका नाम गोविन्द पड़ा. इसी समय से अष्टमी को गोपोष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा, जो कि अब तक चला आ रहा है.
 
इस दिन बछडे़ सहित गाय की पूजा करने का विधान है. इस दिन खुद के बाद गायों को भी स्नान कराकर गौ माता के अंग में मेहंदी, हल्दी, रंग के छापे लगाकर सजाया जाता है, और गंध-धूप-पुष्प से पूजा करें और अनेक तरह के वस्त्रों से गाय को सजाएं और आरती उतारी जाती है. इस दिन कई ग्वालों को जो गाय रखते है या चराते हैं उनको भी गिफ्ट दीजिए. गायों को खिलाकर उसका चक्कर लगाएं और थोड़ी दूर तक उनके साथ में जाएँ तो सभी तरह के बिगड़े काम बनते हैं. गोपाष्टमी को शाम को गायें चरकर जब वापस आयें तो उस समय भी उनका आशीर्वाद लीजिए. कुछ भोजन कराएँ और उनकी चरण रज को माथे पर लगाएं. उससे सौभाग्य की वृद्धि होती है. देश के सभी भागों में गोपाष्टमी का उत्सव बड़े ही उल्लास से मनाया जाता है. गोशालाओं के लिए ये बड़े ही महत्त्व का दिन है. इस दिन गोशाला को कुछ दान देना चाहिए. इस दिन गायों को नहलाकर सजाया जाता है और मेंहदी के थापे और हल्दी रोली से पूजन कर उन्हें भोजन कराये जाते हैं. साल में जिस दिन गायों की पूजा अर्चना की जाती है वह दिन भारत में गोपाष्टमी के नाम से मनाया जाता है. जहाँ गाय पाली-पौंसी जाती हैं, उस स्थान को गोवर्धन कहा जाता है.
 
पहला महाउपाय
क्या जरुर काम बार बार अटक जाता है 
किसी विशेष काम के लिए घर के निकलते समय एक साबुत नीबू लेकर गाय के गोबर में दबा दें तथा उसके ऊपर थोड़ा-सा कामिया सिन्दूर छिड़क दें और काम बोलकर चले जाएं तो काम जरुर पूरा होता है. 
 
दूसरा महाउपाय
क्या आपकी बेटी ससुराल सुखी नहीं 
गुरुवार या मंगलवार को सात गाँठ हल्दी तथा थोड़ा-सा गुड इसके साथ पीतल का एक टुकड़ा इन सबको मिलाकर पोटली में बांधें तथा ससुराल की दिशा में फेंक दें तो वहां हर प्रकार से शांति व सुख रहता है. कन्या अपनी ससुराल में रहते हुए यह करें. मेहँदी तथा साबुत उरद जिस दिशा में वधु का घर हो, उसी दिशा में फेंकने से वर-वधु में प्रेम बढ़ता है.
 
तीसरा महाउपाय
क्या बेटी की शादी नहीं हो रही 
देवोत्थान एकादशी पर कुछ ही दिनों में आने वाली है. देवयानी की मिट्टी की मूरतें बनाकर उन मूर्तियों में हल्दी, चावल, आते का घोल लगाकर उनकी पूजा करके उन्हें एक लकड़ी के फट्टे से ढक लेते हैं. फिर उस फट्टे पर कुमारी कन्या को बिठा दिया जाता है तो उसका विवाह हो जाता है.
 

 
चौथा महाउपाय
क्या गरीबी दूर होने का नाम नहीं ले रही 
एक पानी भरे घड़े में राई के पत्ते डालकर इस जल को अभिमंत्रित करके जिस भी किसी व्यक्ति को स्नान कराया जाएगा उसकी दरिद्रता रोग नष्ट हो जाते हैं.
 

पांचवा महाउपाय 
क्या घर का कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है 
एक देशी अखंडित पान, गुलाब का फूल और कुछ बताशे रोगी  के ऊपर से 31 बार उतारें और चौराहे पर रख दें। इसके प्रभाव से रोगी की दशा में शीघ्रता से सुधार होगा। लेकिन डॉक्टर को दिखाते रहे और उपाय साथ में कीजिए.

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