Diwali 2017: दिवाली पर क्यों करनी चाहिए भगवान कृष्ण की पूजा? ये है पूजा विधान

देशभर में छोटी दीपावली धूमधाम से मनाई जा रही है. छोटी दिवाली को लेकर दो कथाएं कही जाती है. पहली कथा के मुताबिक आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने असुर नरकासुर का वध किया था और 16 हजार 100 कन्याओं को उसके बंधक से मुक्त कराया था.

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Diwali 2017: दिवाली पर क्यों करनी चाहिए भगवान कृष्ण की पूजा? ये है पूजा विधान

Admin

  • October 18, 2017 3:22 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: देशभर में छोटी दीपावली धूमधाम से मनाई जा रही है. छोटी दिवाली को लेकर दो कथाएं कही जाती है. पहली कथा के मुताबिक आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने असुर नरकासुर का वध किया था और 16 हजार 100 कन्याओं को उसके बंधक से मुक्त कराया था. दूसरी कथा के मुताबिक आज ही के दिन राजा रन्ति देव को घर के द्वार से भिक्षुक को भोजन ना देने के कारण नरक भेजा जा रहा था तो राजा रन्ति देव ने यमराज से एक साल का समय मांगा था. इसके बाद राजा रन्ति देव ने कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्दशी का व्रत रखा और इस तरह राजा रन्ति देव को विष्णु लोक में जगह मिली. 
 
छोटी दिवाली के दिन दीप दान किया जाता है. छोटी दिवाली के दिन को नर्क चतुर्दशी भी कहा जाता है. छोटी दिवाली के दिन से ही अमावस लग रही है. लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान करना चाहिए जोकि सूर्यास्त के दो घंटे 24 मिनट तक रहता है.  दीपावली के लिए शुभ चौघडिया मुहुर्त कल सुबह 6:28 से 8:53 का है. फिर शाम 4:19 से 8:55 तक है. 
 
दिवाली की शाम पूजा से पहले शरीर पर चंदन का लेप लगाकर स्नान करें और फिर भगवान कृष्ण की पूजा करें. घर के बाहर दीप जलाएं. दिपावली पूजन के लिए चांदी का एक सिक्का खरीदें. दीया जलाने के बाद एक मंत्र का जाप करें.
 
मंत्र है- शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदाम्… शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोस्तु ते !!

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