नई दिल्ली: भारत परम्परा और मान्यताओं का देश हैं.यहां वस्तु से ज्यादा आस्था बिकती हैं और उन आस्थाओं का केंद्र होता हैं मंदिर. भारत में छोटे-बड़े मंदिर मिलाकर कुल 600,000 मंदिर हैं. भारत की कई जगहों में ऐसी मान्यता हैं कि यदि किसी स्थान पर मंदिर नहीं हैं तो उस जगह लोग नहीं बसते हैं.
खैर, हम सब अपनी-अपनी आस्था के अनुसार मंदिर जाते हैं लेकिन मंदिर जाते ही हम सब ने एक बात कभी गौर नहीं की वो यें कि मंदिर में लटकी घंटी या घंटा हम क्यों बजाते हैं?
हर मंदिर में क्यों लगायी जाती हैं घंटिया ?
कहते हैं कि हिन्दू धर्म में कई सदियों से चली आ रही हर तरह की परम्पराएं यूँ ही बेवजह नहीं हैं. उन सब परम्पराओं के पीछे कोई न कोई कारण ज़रूर हैं. कभी वह कारण वैज्ञानिक होते हैं तो कभी वह कारण आध्यात्मिक. ऐसा ही कारण मंदिर में लगी घंटियों के साथ भी हैं. आज हम आपको मंदिरों में लटकी घंटियों को बजाने के पीछे की एक रोचक जानकारी देंगे.
हम सब ने एक बात ज़रूर गौर की होगी कि मंदिर या कोई भी आस्था का केंद्र इतना शांत और शुद्ध वातावरण का होता हैं कि वहां जाने वाला हर व्यक्ति संसार की भौतिक समस्यों से कुछ समय के लिए दूर होकर शांत हो जाता हैं.
अपने मन के सभी विचारों को भूल कर कुछ देर के लिए वह समस्यों से मुक्त हो जाता हैं. हर व्यक्ति के मन को शांत करने और मंदिर के वातावरण को शुद्ध बनाये रखने में वहां लटके घंटे का भी बहुत योगदान होता हैं.