नई दिल्ली: नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती की पूजा की जाती है. इन नौ दिनों में मां भगवती के कई लोकप्रिय भजन और आरती सुनने को मिलते हैं. हिन्दू परंपरा के अनुसार इन 9 दिनों का विशेष महत्व होता है. नवरात्र के पहले दिन मां के जिस रूप की उपासना की जाती है, उसे शैलपुत्री ते नाम से जाना जाता है. इन नौ दिन में दुर्गा माता के सभी नौ रूपों का विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
महाउपाय – 1
क्या मनचाहे साथी का प्यार नहीं मिल रहा ?
अपने साथी की पसंद के मुताबिक कोई ज्वैलरी, कपड़ा, पर्स या कोई accessories खरीद लें. फिर रात को इसे अपने साथ रखकर सोएं. अगले दिन इसे gift pack कराकर अपने साथी को दे दें.आपको अपने मनपसंद साथी का प्यार मिलेगा.
महाउपाय – 2
क्या पैसे की तंगी है, इस नवरात्र दूर होगी आपकी ये समस्या ?
सफेद कागज के 11 टुकड़े लें. उन पर लाल कलम से “श्रीं” लिखें, इनकी 11 छोटी-छोटी गोलियां बना लें, फिर 250 ग्राम आटा, थोड़ा-सा घी, 100 ग्राम शक्कर मिलाए. इनकी भी 11 गोलियां बनाएं. हर गोली में “ श्रीं ” लिखी कागज की गोली भी मिला लें. इन गोलियों को मछलियों को खिलाएं. आटा, घी, शक्कर मछलियां खा लेगी और मंत्र लिखा हुआ कागज जल में प्रवाहित हो जाएगा. इस उपाय से धन-लाभ होने लगेगा.
महाउपाय – 3
क्या शादीशुदा जिंदगी अच्छी नहीं चल रही तो ये महाउपाय कीजिए ?
यदि जीवनसाथी से अनबन होती रहती है तो नवरात्र में प्रतिदिन नीचे लिखे मंत्र को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें. इससे यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा. अब रोज सुबह उठकर पूजा के समय इस मंत्र को 21 बार पढ़ें. यदि संभव हो तो अपने जीवनसाथी से भी इस मंत्र का जाप करने के लिए कहें-
सब नर करहिं परस्पर प्रीति।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।
महाउपाय – 4
क्या जल्दी विवाह करना चाहते हैं ?
नवरात्र में शिव-पार्वती का एक चित्र अपने पूजास्थल में रखें और उनकी पूजा-अर्चना करने के बाद ऊ नम: शिवायक का 3, 5 अथवा 10 माला जाप करें. जाप के बाद भगवान शिव से विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें.
महाउपाय – 5
क्या आप हर बार इंटरव्यू में असफल हो जाते हैं तो नवरात्र में ये उपाय कीजिए ?
“ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा” मंत्र का 31 बार जाप करें. इस प्रकार लगातार नवरात्र में करना है. इंटरव्यू तथा अन्य कार्यों में सफलता मिलेगी.
कल का व्रत कैसे करें…
शुक्रवार को मां ब्रह्मचारिणी का दिन है तो चलिए जानते हैं कल आपको मां ब्रह्मचारिणी को कैसे प्रसन्न करना है. सबसे पहला मां ब्रह्मचारिणी का बीजमंत्र नोट कर लीजिए. मंत्र है
ब्रह्मचारिणी : ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
बीजमंत्र नोट के लिए बाद जानिए कौन हैं मां ब्रह्मचारिणी. संयम, त्याग और ज्ञान बढ़ाने के लिए दूसरे नवरात्र पर माता ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की पूजा होती है. ब्रह्मचारिणी देवी अपने पिछले जन्म में माँ पार्वती के रूप में थीं. शिवजी को पाने के लिए उन्होंने पहले 1000 साल तक सिर्फ फल खाए और अगले 3000 साल तक सिर्फ पेड़ों से गिरी पत्तियां खाईं, इस कड़ी तपस्या के कारण वो ब्रह्मचारिणी कहलाई. कैसे करनी है मां की पूजा.
देवी ब्रह्मचारिणी जी की पूजा के लिए सबसे पहले माता की फूल, अक्षत, रोली, चंदन, से पूजा करें. उन्हें दूध, दही, चीनी, गंगाजल और शहद से स्नान कराएं. देवी को प्रसाद चढ़ाएं. प्रसाद के बाद आचमन और फिर पान, सुपारी भेंट कर इनकी प्रदक्षिणा करें. देवी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर प्रार्थना करें.
इसके बाद अपने हाथ में फूल रखकर इधाना कदपद्माभ्याममक्षमालाक कमण्डलु, देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्त्मा मंत्रा का जाप करें. फिल उन्हे तरह तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, चढ़ाएं. देवी को कमल का फूल बेहद प्रिय होते हैं इसलिए उन्हे कमलके फूल की ला पहनायें, घी और कपूर मिलाकर देवी की आरती करें.