नई दिल्ली: 16 श्रृंगार में पायल की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. पायल महिलाओं के पैरों की सुंदरता को बढ़ा देती है. वैसे तो आज कल के फैशन में सभी लड़कियां भी पायल पहनती है लेकिन शादी के बाद सभी महिलाओं को पायल पहनना जरुरी होता है. ऐसा माना जाता है की पायल की आवाज से घर में शुख शांति और समृद्धि आती है.
पायल की रुन-झुन की आवाज से घर में नकारत्मक शक्तियां नहीं आती है, दैवीय शक्तियों का वास होता है. पायल कभी सोने से बनी नहीं पहनें हमेशा चाँदी की बनी हुई पायल ही पहननी चहिए क्यों की ऐसी मान्यता है की सोना एक पवित्र धातु है जिनमे लक्ष्मी का वास है. इसलिए इसे पेरों में पहनने से लक्ष्मी का अपमान होता है पायल पहनने से महिलाओं में सुन्दरता के साथ साथ कई स्वास्थ लाभ भी होते है.
वैज्ञानिकों का मानना है की जब महिलायें पायल पहनती है तो इसकी धातु उनके पेरों से रगडती है जिससे महिलाओं के पेरों की हड्डियाँ मजबूत होती है पायल पहनने से महिलाओं को पेरों के दर्द तथा एडियों पर सुजन से भी राहत मिलती हैं. पायल पहनने से घर का वास्तु दोष भी खत्म होता है यानि कि घर से नकारात्मक उर्जा पूरी तरह से खत्म हो जाती है.
महाउपाय –
अगर घर की बरकत रुक गई है तो अपने पति से कहें कि शुक्रवार को चांदी की पायल खरीदें और आपको गिफ्ट में दे दें. इसके बाद आप पायल को सिल्क के कपड़े पर रखकर लक्ष्मी जी के सामने रख दें. मां लक्ष्मी पर पांच बार केसर का तिलक करें और मां से प्रार्थना करें कि मां घर में धन आए और आप श्री सुख का पाढ़ भी कर सकते हैं. इसके 15 मिनट पूजा के बाद चढ़ाई हुई पायल पहने लीजिए. घर की रुकी हुई बरकत लौट आएगी.
दूसरा महाउपाय –
अगर आपकी शादी के संयोग नहीं बन रहे हैं तो शादी के लिए चांदी की पायल को 21 दिन तक गंगाजल में डूबोकर रखें. रोज गंगाजल को बदलकर पायल को 21 दिन तक डूबो कर रखें. ठीक 21 वें दिन बाद पायल को साफ करके भगवान के सामने रखें. जिसकी शादी के संयोग नहीं बन रहे हैं तो आप नाम लेकर प्रार्थना करें. शादी के योग बनने लगेंगे.
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