नई दिल्ली: सावन का पूरा महीना भगवान भोलेनाथ के लिए होता है, जिसे बेहद पवित्र माना जाता है. शास्त्रों में लिखा है कि सावन के महीने में महादेव की पूरे मनोयोग से पूजा करने से कई जन्म सुधर जाते हैं. इसी के साथ ही आज श्रावण अमावस्या भी है. सावन और अमावस्या का ये संयोग आपके लिए खुशियां लेकर आया है.
हरियाली अमावस्या
शिव पुराण के अनुसार सावन के महीने में अमावस्या की रात यदि भोलेनाथ की चारों प्रहरों में पूजा की जाए तो न केवल लक्ष्मी हमेशा आपके निवास पर चिरकाल तक रहेगी बल्कि कुबेर का भी डेरा यही हो जाएगा. सावन के महीने में पड़ने वाली अमावस्या का अपना अलग ही महत्व है. इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.
कालसर्प दोष
जन्म कुंडली में कालसर्प दोष राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाने के कारण बनता है. अगर एक या दो ग्रह इन दोनों के बाहर भी हो तो आंशिक काल सर्प दोष माना जाता है. इस दोष के होने से व्यक्ति जिन्दगी भर संघर्षरत रहता है, भाग्य साथ नहीं देता. ऐसा व्यक्ति आखिर तक सफलताओं से दूर रहता है.
-कालसर्प दोष का निवारण करने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना गया है. इसके उपाय और पूजा-अर्चना काफी असरकारी होती है, इसलिए इस सावन के महीने को भगवान शिव के लिए समर्पित कर दें.
-कालसर्प दोष के व्यक्ति को सावन के महीने में हर सोमवार को रुद्राभिषेक करना चाहिए और एक माला महामृत्युंजय मंत्र की करनी चाहिए.
-नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग की पूजा करें और पितरों को याद करते हुए बहते जल में प्रवाहित करें.
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