आज आधुनिक सुख-सुविधाओं के आकर्षण के चलते सभी इन्हें प्राप्त करने के लिए लोग कई तरह के जतन कर रहे हैं. यह सभी सुविधाएं जुटाने के लिए काफी धन की आवश्यकता होती है. आय सामान्य रहने पर भी व्यक्ति कर्ज लेकर इन सुविधाओं को प्राप्त करता है परंतु कई लोग इस लोन को चुका नहीं पाते और अधिक उलझ जाते हैं.
नई दिल्ली: आज आधुनिक सुख-सुविधाओं के आकर्षण के चलते सभी इन्हें प्राप्त करने के लिए लोग कई तरह के जतन कर रहे हैं. यह सभी सुविधाएं जुटाने के लिए काफी धन की आवश्यकता होती है. आय सामान्य रहने पर भी व्यक्ति कर्ज लेकर इन सुविधाओं को प्राप्त करता है परंतु कई लोग इस लोन को चुका नहीं पाते और अधिक उलझ जाते हैं.
कर्ज एक ऐसा दलदल है, जिसमें एक बार फंसने पर व्यक्ति उसमें धंसता ही चला जाता है.ज्योतिष शास्त्र में षष्ठम, अष्टम, द्वादश स्थान एवं मंगल ग्रह को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है. मंगल के कमजोर होने पर या पापग्रह से संबंधित होने पर, अष्टम, द्वादश, षष्ठम स्थान पर नीच या अस्त स्थिति में होने पर व्यक्ति सदैव ऋणी बना रहता है.
ऐसे में यदि उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़े तो कर्ज तो होता है पर वह बड़ी मुश्किल से उतर जाता है. शास्त्रों में मंगलवार और बुधवार को कर्ज के लेन-देन के लिए निषेध किया है. मंगलवार को कर्ज लेने वाला जीवनभर कर्ज नहीं चुका पाता तथा उस व्यक्ति की संतान भी इस वजह परेशानियां उठाती हैं.