नई दिल्ली: ये बात तो हम सभी जानते हैं कि बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जो अपने जीवन को गंभीरता से लेते हैं. कुछ को छोड़ दें तो अधिकांश लोग अपने जीवन के प्रति ना तो कोई संजीदा दृष्टिकोण रखते हैं और ना ही उनका अपना कोई उद्देश्य होता है. लेकिन एक बात जो हर कोई चाहता है वो है सुकून की जिन्दगी जीना और चिंता या किसी भी तरह की परेशानी से रहित जीवन व्यतीत करना चाहता है.
जीवन है तो समस्याओं का होना भी आम बात है, लेकिन कभी-कभी ये समस्याएं बहुत छोटी होती हैं जो कब आती हैं और कब चली जाती हैं, ना तो पता चलता है और ना ही इनसे कुछ खास फर्क पड़ता है. लेकिन जब यही समस्याएं अपना विकराल रूप धारण कर लेती हैं, तो ऐसा लगता है इसका कोई अंत नहीं है.
जब ऐसी स्थिति आ जाती है तो व्यक्ति अपने जीवन को ही दुर्भाग्य समझ बैठता है. एक कहावत है जिसे प्रैक्टिकल रूप में भी देखा जा सकता है, अगर व्यक्ति के निजी जीवन में कोई परेशानी होती है, तो वह उसके व्यसायिक जीवन पर भी झलकती है. जिस व्यक्ति को पारिवारिक जीवन में सुकून नहीं मिलता तो वह बाहरी दुनिया में भी चैन नहीं पा सकता.