नई दिल्ली: 24 जून यानी कल अषाढ़ अमावस्या को गुप्त नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है. फैमिली गुरु जय मदान ने बताया कि वर्ष 2007 में अषाढ़ मास में शनिचरी अमावस्या आई थी. इसके बाद अब वर्ष 2017 में ऐसा संयोग बना है. इसके बाद यह संयोग 2037 में बनेगा.
अमावस्या शनिवार के दिन आर्द्रा नक्षत्र, वृद्घि योग, नाग करण अपने आप में महत्वपूर्ण है. कल अषाढ़ अमावस्या के दिन कुछ इस प्रकार से भगवान की पूजा करें.
अगर आप अनहोनी के डर से बचना चाहते हैं ? तो कुछ इस प्रकार से पूजा करें. कल के दिन सबसे पहले काले कुत्ते को ‘कड़वा’ तेल लगाकर रोटी खिलाएं. साथ ही कल रात भगवान विष्णु को ‘जनेऊ’ पीपल को अर्पित करें.
कल की रात पीपल और भगवान विष्णु की प्रार्थना करें. 108 बार पीपल की परिक्रमा करें और शुद्ध मिठाई पीपल के पेड़ को अर्पित कीजिए. और पूजा अर्चना करते वक्त इस मंत्र का जाप करें ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’.