ऐसा अक्सर हर व्यक्ति के साथ होता है कि सैलरी आने के कुछ दिन बाद ही पैसे की दिक्कत होने लगती है. अगर यह कभी-कभी हो तो ठीक है लेकिन हर महीने होने लगे तो आपके लिए दिक्कत की बात हो सकती है. ऐसे में क्या करना चाहिए, इसके लिए आज आपको फैमिली गुरु जय मदान बताएंगी कुछ खास उपाय.
नई दिल्ली: ऐसा अक्सर हर व्यक्ति के साथ होता है कि सैलरी आने के कुछ दिन बाद ही पैसे की दिक्कत होने लगती है. अगर यह कभी-कभी हो तो ठीक है लेकिन हर महीने होने लगे तो आपके लिए दिक्कत की बात हो सकती है. ऐसे में क्या करना चाहिए, इसके लिए आज आपको फैमिली गुरु जय मदान बताएंगी कुछ खास उपाय.
बजट बनाने का अर्थ घर के सभी खर्चों का हिसाब लगाने से कहीं बढ़कर है. इसके जरिए आप हिसाब लगा सकते हैं कि आपकी आय में से कितना खर्च होता है और कितना इसमें से बचाया जा सकता है. घर का बजट बनाने का अर्थ है कि आप अपनी जीवन-शैली का अनुमान लगा रहे हैं.
समय पर बिल भुगतान करना, कर्जों का सही समय पर निपटारा करना और अपने बचत, निवेश लक्ष्यों को हासिल करना भी इसी के अंतर्गत आता है. घर का बजट बनाने का सबसे सही उपाय है कि आप खर्चों के लिए अलग-अलग लिफाफे बनाएं.
इसके जरिए आप बिल्कुल सही तरीके से जान पाएंगे कि कि कितना पैसा किस मद पर खर्च हो रहा है. और अगर कुछ बचता है तो आप बची हुई राशि को अगले महीने के लिए बचाकर रख सकते हैं या फिर अपनी बचत के रूप में अलग भी रख सकते हैं.