श्रीमदभागवत के अनुसार एकादशी व पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा से मनुष्य की इस लोक में तो सभी इच्छाएं पूर्ण होती ही है, साथ ही उसे मोक्ष भी मिलता है. यही कारण है कि एकादशी तथा पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का ध्यान और पूजा-अर्चना करना श्रेष्ठ माना जाता है.
नई दिल्ली: श्रीमदभागवत के अनुसार एकादशी व पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा से मनुष्य की इस लोक में तो सभी इच्छाएं पूर्ण होती ही है, साथ ही उसे मोक्ष भी मिलता है. यही कारण है कि एकादशी तथा पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का ध्यान और पूजा-अर्चना करना श्रेष्ठ माना जाता है.
विष्णु के 10 अवतारों की कथा श्रवण करने तथा उनके मंत्रों के जाप से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. संतति सुख, अटूट दाम्पत्य व घर की शांति के लिए इस श्लोक का 51 बार पाठ करें.
देव मूर्ति के स्नान के लिए तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, पान, दक्षिणा में से जो भी हो.