दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्व मनाया जाता है. इस पर्व के दिन शाम के समय खास पूजा रखी जाती है. बता दें कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन इंद्र का मानमर्दन कर गिरिराज की पूजा की थी. इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है. इस दिन गोबर का गोबर्धन बनाया जाता है इसका खास महत्व होता है.
नई दिल्ली. दिवाली के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को देशभर में गोवर्धन पूजा बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस पर्व के दिन शाम के समय खास पूजा रखी जाती है. बता दें कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन इंद्र का मानमर्दन कर गिरिराज की पूजा की थी. इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है. इस दिन गोबर का गोबर्धन बनाया जाता है इसका खास महत्व होता है. उत्तर भारत में खास तौर पर गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है.
इस दिन सुबह-सुबह गाय के गोबर से गोबर्धन बनाया जाता है. यह मनुष्य के आकार के होते हैं. गोबर्धन तैयार करने के बाद उसे फूलों और पेड़ों का डालियों से सजाया जाता है. गोबर्धन को तैयार कर शाम के समय इसकी पूजा की जाती है. पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, जल, फल, खील, बताशे आदि का इस्तेमाल किया जाता है. गोवर्धन में ओंगा यानि अपामार्ग की डालियां जरूर रखी जाती है. गोबर्धन पूजा में क्या-क्या करना है लाभदायक बताएंगी फैमिली गुरु जय मदान सिर्फ इंडिया न्यूज पर