नई दिल्ली. रविवार को नवरात्र का तीसरा दिन है. आम तौर पर तीसरे दिन मां भगवती के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा देवी की पूजा अर्चना होती है लेकिन इस बार की नवरात्र में तृतीया तिथि का क्षय है. जिसकी वजह से तृतीय व चतुर्थी तिथि के देवियों के एक साथ पूजा अर्चना होगी. इसलिए रविवार को चंद्रघंटा देवी और कूष्मांडा देवी दोनों की अराधना होगी.
मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है. इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसीलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. इनका वाहन सिंह है. इनकी उपासना से वीरता एवं विनम्रता का विकास होता है. देवी का स्वरूप शांतिदायक और कल्याणकारी है.
इन चीजों का भोग लगाएं: मां चंद्रघण्टा को पूजा के बाद दूध का भोग लगाएं. उसके बाद उस दूध को किसी जरूरतमंद को पिलाएं, महा दुर्गा की पूजा करें और क्षमा प्रार्थान जरूर पढ़े. अगर आपकी शादी हो चुकी है तो सिंदूर जरुर लगाएं.
मां चंद्रघंटा को घंटों की आवाज क्यों ज्यादा पसंद है
घंटे की आवाज का ईको मस्तिष्क को एकाग्र करता है. घंटे की आवाज से दिमाग के दाएं और बाएं हिस्सों में संतुलन. घंटे की गूंज 7 सेकेंड तक रहती है.