इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. जब आप सांस लेते हैं, तो ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी वायु थैलियों से होते हुए रक्त में पहुंचती है और फिर यहां से यह शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचती है.
नई दिल्ली: भारत को दुनिया भर में शास्त्रीय संगीत में एक अलग पहचान दिलाने वाले उस्ताद और मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे। जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन हो गया. जाकिर हुसैन ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आखिरी सांस ली. जाकिर हुसैन हाई ब्लड प्रेशर के मरीज थे. जिसके कारण उन्हें हृदय संबंधी समस्याएं हो गईं. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हृदय संबंधी समस्याओं के कारण उनका निधन हो गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जाकिर हुसैन के परिवार ने एक बयान में कहा कि वह ‘इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस’ एक खतरनाक फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे, जिसके कारण जटिलताएं हो गई थी. जब आप सांस लेते हैं, तो ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी वायु थैलियों से होते हुए रक्त में पहुंचती है और फिर यहां से यह शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचती है. लेकिन जब IPF होता है, तो फेफड़ों के अंदर निशान ऊतक बढ़ने लगते हैं. जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है. उम्र के साथ यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है. इससे फेफड़ों के माध्यम से रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. जिसके कारण आपके शरीर के अन्य अंग ठीक से काम नहीं कर पाते हैं.
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस का कोई इलाज नहीं है, इसे केवल कंट्रोल किया जा सकता है. यदि स्थिति गंभीर है तो फेफड़े का ट्रांसप्लांट एक विकल्प है. धीरे-धीरे फेफड़ों में ऊतक बढ़ने लगते हैं और फेफड़े घाव जैसे हो जाते हैं. जिसके कारण आपको सीने में दर्द या अकड़न, पैरों में सूजन, भूख न लगना, गले में खराश, खांसी, थकान महसूस होना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, वजन कम होना और सांस लेने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है. अगर आप किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं तो मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं।
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