Zaira Wasim Quits Bollywood, Quran Islam Statement: दंगल की सीक्रेट सुपरस्टार जायरा वसीम के बॉलीवुड छोड़ने के पीछे क्या है इस्लाम और अल्लाह की सीख, कुरान हदीस

Zaira Wasim Quits Bollywood, Quran Islam Statement: दंगल गर्ल के नाम से बॉलीवुड में मशहूर हुई खूबसूरत अदाकारा जायरा वसीम ने फिल्मी जगत को अलविदा कह दिया है. इसकी पीछे जायरा वसीम ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान और अल्लाह की सीख का हवाला दिया है.

Advertisement
Zaira Wasim Quits Bollywood, Quran Islam Statement: दंगल की सीक्रेट सुपरस्टार जायरा वसीम के बॉलीवुड छोड़ने के पीछे क्या है इस्लाम और अल्लाह की सीख, कुरान हदीस

Aanchal Pandey

  • June 30, 2019 5:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. आमिर खान की दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार के बाद मशहूर होने वाली कश्मीर की खूबसूरत एक्ट्रेस जायरा वसीम ने बॉलीवुड छोड़ने का फैसला किया है. फिल्मों में काम न करने के पीछे जायरा वसीम ने अल्लाह और इस्लाम की पवित्र ग्रंथ कुरान की सीख का हवाला दिया है.  इस्लाम में मौसिकी (संगीत) को हराम बताया जाता है, यानी एक्टिंग, डांसिंग और सिंगिंग से होने वाले कमाई को इस्लाम धर्म में जायज नहीं है. हालांकि, कुरान में साफतौर पर मौसिकी पर कहीं पाबंदी नहीं लगाई है लेकिन इसकी मनाही पर कुछ हदीस जरूर हैं. जायरा वसीम का मानना है कि फिल्मों की वजह से वे अपने धर्म और अल्लाह से दूर होती जा रही हैं जो उन्हें बिल्कुल मंजूर नहीं है. फिल्मों में काम न करने के फैसले को लेकर जायरा वसीम ने फेसबुक पर पोस्ट भी शेयर की है जिसमें उन्होंने एक्टिंग छोड़कर धर्म की ओर हुए झुकाव की कई वजहें भी बताई हैं.

जानिए जायरा वसीम ने  फिल्मी जगत छोड़ने की क्या वजहें बताईं 

जायरा वसीम ने फेसबुक पर लंबी पोस्ट लिखते हुए कहा कि ये फैसला उन्होंने अपने इस्लाम धर्म और अल्लाह के लिए लिया है. वे फिल्मों करने के दौरान अपने धर्म से भटक गई थीं. जायरा वसीम लिखती हैं ” पांच साल पहले उन्होंने एक फैसला किया था जिससे उनका जीवन बदल गया. बॉलीवुड में कदम रखने के बाद वे खूब मशहूर हुईं, आकर्षण का केंद्र बनीं. उन्हें कामयाबी की मिसाल की तरह पेश किया जाने लगा, युवाओं का रोल मॉडल बताया जाने लगा. जबकि न वे ऐसा करना चाहती थी, न बनना चाहती थीं.

फेसबुक पोस्ट- जायरा वसीम का फुल स्टेटमेंट 

जायरा वसीम ने कहा कि वे एक्ट्रेस बनने के बाद बनी उनकी इस पहचान से खुश नहीं हैं. उन्होंने अब उन चीजों की तलाश शुरू की है जिसमें उनका समय, प्रयास और भावनाएं समर्पित हैं. इस नए लाइस्टाइल में फिट तो बैठती हूं लेकिन यहां के लिए नहीं बनी हूं. फिल्मी जगत में खूब प्यार मिला, तारीफे मिलीं लेकिन ये सब उन्हें गुमराही के रास्ते पर ले आया और वे गलती से अपने ईमान से बाहर निकल गईं.

सैंकड़ों बार कोशिश कि अपने ईमान की स्थिर तस्वीर बना लूं 

जायरा वसीम ने आगे कहा कि उन्होंने लगातार ऐसे माहौल में काम जारी रखा जिसने लगातार उनके ईमान में दखलअंदाजी की. धर्म के साथ उनका रिश्ता खतरे में आ गया है. उन्होंने सैंकड़ों बार कोशिश की वे अपने ईमान की स्थिर तस्वीर बना लूं लेकिन इसमें उन्हें नाकामी मिली. जायरा ने लिखा कि वे पिछले काफी समय मन को समझाती रहीं कि कि लंबे समय से जो कर रही हैं, वह सही नहीं है. एक दिन समय जाएगा, जब इस पर रोक लगा देंगी. ऐसा कर वे खुद को कमजोर स्थिति में रखती, जहां मेरी शांति, मेरे ईमान और अल्लाह के साथ मेरे रिश्ते को नुकसान पहुंचाने का माहौल का शिकार बनना आसान था.

जायरा वसीम ने लिखा कि वे काफी समय से जो कर रहीं थी उसे लेकर परेशान थीं जिसका कोई अंत नजर नहीं आ रहा थ. और ये तब तक चला, जब तक उन्होंने अपने दिल को अल्लाह के शब्दों से जोड़कर कमजोरियों से लड़ने और अज्ञानता को सही करने का निर्णय नहीं लिया. कुरान के आलौकिक ज्ञान से उन्हें शांति और संतोष मिला. व्यक्ति के दिल को तभी सुकून मिलता है, जब इंसान अपने खालिक के बारे में, गुणों, उसकी दया और आदेशों के बारे में जानता हो.

हमारी इच्छाएं ही नैतिकता का प्रतिबिंब हैं

जायरा वसीम आगे लिखती हैं कि कुरान और पैंगबर का मार्गदर्शन मेरे फैसले लेने और तर्क करने की वजह बना और इसने जिंदगी के प्रति मेरे नजरिए और जिंदगी के मायने को बदल दिया. जायरा कहती हैं कि हमारी इच्छाएं ही नैतिकता का प्रतिबिंब है. हमारे मूल्य आंतरिक पवित्रता का बाहरी रूप हैं. उसी तरह सुन्नत और कुरान के साथ हमारा रिश्ता, अल्लाह और धर्म के साथ हमारे रिश्ते इच्छाओं, मकसद और जिंदगी के मायने को परिभाषित करता है. हमें क्यों बनाया गया है, इसके मकसद को समझना ही कामयाबी है. हम अपनी आत्मा को धोखा देकर गुमराही में आगे बढ़ते हैं और भूल जाते हैं हमे क्यों बनाया गया है.

आखिर इस्लाम कि किन बातों पर जायरा वसीम ने छोड़ी अपनी कामयाब जिंदगी

इस्लाम में मौसिकी को साफ तौर पर पाबंदी तो नहीं है लेकिन कुछ हदीसों में इसे गलत जरूर कहा गया है. इस्लाम के अनुसार, इस जरिए आने वाला पैसा हलाल नहीं होता है जिसका इस्तेमाल करना अल्लाह को नागवार है. इस्लाम में आखिरत को लेकर बताया गया है यानी व्यक्ति के मरने के बाद की जिंदगी की चर्चा की गई. और इस्लाम में उस जिदंगी को बेहतर बनाने के लिए इस जिंदगी में खुदा की इबादत और धर्म की राह पर चलना बताया गया है. सुन्नी मुसलमान पैगंबर मुहम्मद की राह पर चलते हैं जिसका जिक्र जायरा ने पोस्ट में किया है. इस्लाम में इस दुनिया के किसी लालच में नहीं फंसकर सच्चे दिल से खुदा की इबादत बताई गई है. 

जब कुरान पाक में कहीं भी मोसिकी और गाने पर कतई तौर पाबंदी नहीं है तो हमें इनसे जुड़ी हदीसों को सही तरीके से समझना चाहिए. दरअसल, पहले जहां नाच-गाना होता था, उन महफिलों में खूब अय्याशी और बेशर्मी हुआ करती थी, लोग गलत तरीके से इकट्ठा होकर गुलाम लड़कियों को नाचने पर मजबूर करते हैं. मदिरा के नशे में उनके साथ गलत हरकत करते थे. इसी मद्देनजर कुछ हदीसों में संगीत पर पाबंदी लगाई गई है. इसी तर्ज पर जायरा वसीम ने फिल्म जगत को छोड़कर खुदा की राह में आगे बढ़ने का फैसला किया है. 

नोट- आर्टिकल में लिखी इस्लाम की बातें और नियम, मुस्लिम धर्मगुरु से पूरी जानकारी लेने के बाद लिखी गई हैं 

Zaira Wasim Quits Bollywood Film Industry: दंगल स्टार जायरा वसीम का बॉलीवुड और फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास, अल्लाह और कुरान के हवाले से बोलीं दोहरी जिंदगी में शांति नहीं

Zaira Wasim Quits Bollywood Film Industry Celebrity Reactions: जायरा वसीम के बॉलीवुड से संन्यास लेने पर फिल्मी सितारों ने कुछ इस तरह से दिए रिएक्शन

Tags

Advertisement