नई दिल्ली: कंगना रनौत ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ से एक बार फिर इमरजेंसी को चर्चा में ला दिया है, लेकिन उस दौर की असली ‘चीफ ग्लैमर गर्ल’ सारा अली खान की नानी रुखसाना सुल्ताना थीं, जिनका जिक्र प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी किया करती थीं. सैफ अली खान की सास 1970 के दशक की दिग्गज शख्सियत थीं, जिनका गांधी परिवार से खास रिश्ता था.
‘इमरजेंसी’ के दौर में रुखसाना सुल्ताना एक ‘राजनीतिक ताकत’ थीं, जो पीएम इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की करीबी मानी जाती थीं. ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स हैं जिनमें दावा किया गया है कि संजय गांधी ने रुखसाना सुल्ताना को 8 हजार मुस्लिम पुरुषों की नसबंदी का काम सौंपा था, लेकिन उन्होंने उम्मीदों से आगे बढ़कर 13 हजार मुस्लिम पुरुषों की नसबंदी करवा ली. सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण की पहल के तौर पर यह कदम उठाया है.
इस दौरान (इमरजेंसी) के वक़्त बढ़ती जनसंख्या को एक समस्या के रूप में देखा गया, जिसे नियंत्रित करने में रुखसाना सुल्ताना ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यही कारण था कि वह मुस्लिम पुरुषों के लिए डर का पर्याय बन गई थी। जब वह जामा मस्जिद और तुर्कमान गेट के आसपास से गुजरती थीं तो मुस्लिम पुरुष अपने घरों में छिप जाते थे.
रुखसाना सुल्ताना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह अपनी मर्जी से संजय गांधी से मिलने आई थीं और पार्टी के लिए कुछ काम करने की इच्छा जताई थी. बताया जाता है कि उसका पुरानी दिल्ली में ब्यूटी पार्लर था. संजय गांधी से नजदीकियों और अपने काम के कारण वह कांग्रेस पार्टी में एक बड़ा नाम बन गई थीं। यहां तक कि बिजनेसमैन और बड़े नेता भी उनसे मिलने आते थे. वह इमरजेंसी की ‘प्रमुख ग्लैमर गर्ल’ थीं.
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