नई दिल्ली :लाल सिंह चड्ढा को लेकर फैंस और आमिर खान को काफी उम्मीदें थीं. हालाँकि रिलीज़ से पहले ही फिल्म को लेकर बायकॉट और बैन करने की मांग की जाने लगी थी. इन्हीं सब बातों ने फिल्म की कमाई को बड़े स्तर पर भी प्रभावित किया. लेकिन सवाल ये भी है कि आखिर उनकी इस फिल्म का इतने बड़े स्तर पर बॉयकॉट क्यों हुआ? आज हम आपको आमिर खान की उन गलतियों को बताने जा रहे हैं जो उन्होंने फिल्म की रिलीज़ से पहले की थीं.
फातिमा और आमिर खान के प्यार के चर्चे भी किसी से छिपे नहीं हैं. उनकी फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तां’ के समय आमिर खान अलग ही रंग में दिखाई दिए. फिल्म के हर फ्रेम पर उनकी छाप रही थी. फिल्म कि शूटिंग के दौरान शुरू हुए इस इश्क़ ने उनके जीवन में करीब 5 सालों से उथल-पुथल मचाया हुआ है.
बॉलीवुड में शादी करना और अलग होना अब आम हो गया है. नेक्स्ट डोर ब्वॉय की इमेज लेकर हिंदी सिनेमा में आए आमिर खान के ब्रांड को सबसे तगड़ा झटका कोरोना काल के दौरान लगा. जब उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी किरण राव को तलाक देने का फैसला किया. दोनों की खटपट होती रही है लेकिन इस खटपट और तलाक से आमिर की निजी ब्रांडिंग पर बुरा असर पड़ा.
मुसलमानों का अलमबरदार बनाने के आरोपों के बीच तुर्की देश को लेकर देश का एक बड़ा भाग नाराज़ है. आजादी की लड़ाई में इस खिलाफत आंदोलन का किस तरह इस्तेमाल किया गया ये बात भी कई लोगों के दिलों में खटकती है. ये आंदोलन मुस्लिम कट्टरपंथियों के हाथ में चला गया था जिससे देश के विभाजन की नींव पड़ी। इसी बीच आमिर खान भी ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग की संभावनाएं तलाशने तुर्की जा पहुंचे जो उनकी ब्रांडिंग पर मुसीबत आ बनी.
फिल्म लाल सिंह चड्ढा को लेकर आमिर खान ने एक और बड़ा फैसला लिया था. उन्होंने फिल्म की प्रोमोशंस पर ध्यान देने के लिए फ़ोन को त्यागने का फैसला लिया था. इसे लेकर कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने उनपर ढोंग करने का आरोप लगाया और कई प्रशंसकों ने भी उनसे दूरी बना ली थी.
फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की रिलीज से पहले फिल्म का विरोध करने वालों ने उसपर धनशोधन की बात कही थी. फिल्म की टीम प्रोमोशंस को लेकर काफी स्लो भी नज़र आई. आमिर ने भी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की ब्रांडिंग ठीक करने के लिए किसी तरह की कोई कोशिश नहीं की थी. इसी बीच उनके फैंस तक भी एक बात जा पहुंची की उनकी फिल्में विदेश और चीन में इसलिए रिलीज़ की जाती हैं ताकि बिना हिसाब का पैसा देश में आ सके. इससे भी उनकी छवि चोटिल हुई.
आमिर खान की छवि हमेशा से ‘मार्केटिंग गुरु’ की ही रही है. उनके आस-पास और इंडस्ट्री में भी कई ऐसे नाम हैं जो उनकी आलोचना करने से बचते हैं. जिस समय वह सोशल मीडिया पर इतना सक्रिय नहीं थे उस समय उनके आस-पास के इसी माहौल ने फिल्म को भी चोट पहुंचाई. इसी बीच उन्होंने अपनी ख़ास दोस्त अमीन हाजी की फिल्म ‘कोई जाने ना’ में एक गाना कर डाला, ‘हरफनमौला’ जो उनके खिलाफ पड़ गया. वह अपने फैंस से भावनात्मक रूप से जुड़ ही नहीं पाए.
‘लाल सिंह चड्ढा’ की कहानी के हिसाब से अगर फिल्म का प्रचार किया गया होता इसका विरोध नहीं किया जाता. फिल्म में ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के बाद हुए सिख दंगों पर फोकस किया गया है लेकिन इस पूरे मुद्दे का फिल्म के प्रचार में जिक्र नहीं था. सत्ताधारी दल बीजेपी के लिए ये मुद्दा कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने का मौका होता लेकिन आमिर फिल्म को सियासी रंग देने से बचते रहे.
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