नई दिल्ली: शराब का सेवन करने से व्यक्ति के दिमाग पर कई तरह से असर पड़ता है। इन्हीं में से एक है व्यक्ति की याददाश्त का कमजोर हो जाना। ज्यादातर मामलों में आपने देखा होगा कि शराब पीने के बाद लोगों को पिछली घटनाओं को याद रखना मुश्किल हो जाता है, जिसे ब्लैकआउट कहा जाता […]
नई दिल्ली: शराब का सेवन करने से व्यक्ति के दिमाग पर कई तरह से असर पड़ता है। इन्हीं में से एक है व्यक्ति की याददाश्त का कमजोर हो जाना। ज्यादातर मामलों में आपने देखा होगा कि शराब पीने के बाद लोगों को पिछली घटनाओं को याद रखना मुश्किल हो जाता है, जिसे ब्लैकआउट कहा जाता है। आइए हेल्थ एक्सपर्ट से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लैकआउट एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को शराब पीने के बाद पिछले कुछ दिनों की घटनाएं याद नहीं रहती हैं। ब्लैक आउट आमतौर पर तब होता है जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब का सेवन करने लगता है. बता दें कि कुछ शराब अन्य प्रकार की शराब की तुलना में ज्यादा तेजी से ब्लैकआउट का वजह बन सकती है।
वहीं शराब एक नशीला पेय है जो मस्तिष्क की प्रक्रियाओं को धीमा कर देता है। मानव मस्तिष्क में ऐसे लाखों न्यूरॉन्स होते हैं, जो एक-दूसरे के साथ संकेतों का आदान-प्रदान करते हैं। शराब इन न्यूरॉन्स के बीच संचार बंद कर देती है। इसके अलावा सेरिबैलम भी मस्तिष्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मानव संतुलन और समन्वय को नियंत्रित करता है। ज्यादा शराब पीने से सेरिबैलम पर असर पड़ता है, जिसके कारण लोग शराब पीने के बाद लड़खड़ाने लगते हैं। साथ ही याददाश्त भी कमजोर हो जाती है।
मानव मस्तिष्क में न्यूरॉन्स न्यूरोट्रांसमीटर नामक रसायनों के माध्यम से एक दूसरे के साथ संवाद करते हैं। शराब इन न्यूरोट्रांसमीटरों के काम करने के तरीके को बदल देती है। जिस वजह से दोनों समुदायों के बीच संचार बाधित हो जाता है. जिसके बाद इंसान की याददाश्त कमजोर होने लगती है। हिप्पोकैम्पस मानव मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो नई यादें बनाने और पुरानी यादों को संग्रहीत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शराब हिप्पोकैम्पस को प्रभावित करके मानव स्मृति को अस्थिर कर देती है।
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