नई दिल्ली: फिल्म इंडस्ट्री के एक ऐसे एक्टर जिन्होंने आठ बार श्रीराम का किरदार निभाया था. उस एक्टर का नाम प्रेम अदीब था जो उस दौर के पॉपुलर एक्टर थे आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है। कश्मीरी पंडित जिन्हें उस दौर में लोग पूजते थे। भगवान का किरदार निभाने वाले इस कलाकार ने श्री राम को […]
नई दिल्ली: फिल्म इंडस्ट्री के एक ऐसे एक्टर जिन्होंने आठ बार श्रीराम का किरदार निभाया था. उस एक्टर का नाम प्रेम अदीब था जो उस दौर के पॉपुलर एक्टर थे आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है। कश्मीरी पंडित जिन्हें उस दौर में लोग पूजते थे। भगवान का किरदार निभाने वाले इस कलाकार ने श्री राम को न सिर्फ पर्दे पर बल्कि अपने जीवन में भी जिया। उन्होंने हिंदी सिनेमा के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करवा लिया। जानते हैं क्यों?
प्रेम अदीब डार ने श्री राम को एक बार नहीं बल्कि आठ बार सिल्वर स्क्रीन पर जीवंत किया। उन्होंने लोगों को इतना प्रभावित किया कि उनकी पूजा होने लगी। यहां तक कि महात्मा गांधी खुद उनकी एक फिल्म राम राज्य देखने आए थे। भगवान की कहानी को भक्तों तक पहुंचाने का माध्यम बने प्रेम अदीब का जन्म 10 अगस्त 1916 को एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। उनका परिवार यूपी के सुल्तानपुर में रहता था।
पिता पंडित राम प्रसाद अदीब पेशे से वकील थे। उनके पूर्वज अवध के नवाब वाजिद अली शाह के समय कश्मीर छोड़कर उत्तर प्रदेश में बस गए थे। अदीब नाम 19वीं सदी में अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह ने सम्मान के तौर पर परिवार को दिया था। प्रेम का फिल्मों के प्रति झुकाव उनके शिक्षित परिवार में बर्दाश्त नहीं किया गया, लेकिन प्रेम अदीब ने आखिरकार वो कर दिखाया जो उन्होंने ठान लिया था। उन्होंने ऐसा रोल चुना जिससे उन्हें खूब सफलता मिली।
उन्होंने सबसे पहले 1942 में रिलीज हुई ‘भरत मिलाप’ में भगवान राम की भूमिका निभाई थी। इसके बाद वे राम राज्य (1943) में भगवान राम के रूप में नजर आए। उन्होंने अपने निभाए गए किरदारों की वजह से पूरे देश में लोकप्रियता हासिल की। इन फिल्मों में उनकी जोड़ी शोभना समर्थ के साथ बनी, जिन्होंने मां सीता का किरदार निभाया था।
बाद में उन्होंने बाण (1948), राम विवाह (1949), राम नवमी (1956), राम-हनुमान युद्ध (1957), राम लक्ष्मण (1957), राम भक्त विभीषण (1958) जैसी फिल्मों में राम की भूमिका निभाकर खूब प्रशंसा बटोरी। 1943 से 1950 तक प्रेम अदीब और शोभना समर्थ की जोड़ी इतनी मशहूर हुई कि घर-घर में उनकी पूजा की जाने लगी। यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी फिल्म राम राज्य देखी थी।