October 30, 2024
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दिल्ली पुलिस के रडार पर क्यों हैं एल्विश यादव-भारती सिंह? 500 करोड़ रुपये का घोटाला, जानें पूरा मामला

दिल्ली पुलिस के रडार पर क्यों हैं एल्विश यादव-भारती सिंह? 500 करोड़ रुपये का घोटाला, जानें पूरा मामला

  • WRITTEN BY: Aprajita Anand
  • LAST UPDATED : October 4, 2024, 2:05 pm IST
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नई दिल्ली:  बिग बॉस ओटीटी 2 के विनर एल्विश यादव आए दिन किसी न किसी मुसीबत में फंस जाते हैं। एल्विश कभी ईडी के रडार पर होते हैं तो कभी पुलिस के। फिलहाल एल्विश यादव समेत कई बड़े नाम दिल्ली पुलिस की रडार पर हैं. इस केस में एल्विश के अलावा भारती सिंह, एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती, अभिषेक मल्हान समेत कई लोगों के नाम शामिल हैं.

क्या है धोखाधड़ी का मामला?

दिल्ली पुलिस का दावा है कि उन्हें 500 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं, जिनमें कहा गया है कि कई सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स और यूट्यूबर्स ने अपने पेज पर HIBOX (हिबॉक्स) मोबाइल ऐप को प्रमोट किया है और इसके जरिए लोगों को निवेश करने का लालच दिया है. . इन शिकायतों के बाद ही पुलिस ने कई लोगों को समन जारी किया है.

कई इनफ्लुएंसर- यूट्यूबर्स के नाम

इसके साथ ही अगर इस मामले में मुख्य आरोपी की बात करें तो इस मामले का मुख्य आरोपी चेन्नई का रहने वाला शिवराम (30) है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही इस धोखाधड़ी के केस में लक्ष्य चौधरी, एल्विश यादव, भारती सिंह, सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, दिलराज सिंह रावत, आदर्श सिंह, हर्ष लिंबाचिया, पूरव झा और अमित जैसे सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और यूट्यूबर्स के नाम शामिल हैं. इनके बारे में कहा गया है कि इन्होंने सोशल मीडिया पर इस ऐप का प्रचार किया है और लोगों को ऐप में निवेश करने का लालच दिया है.

 

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क्या है हायबॉक्स?

मामले पर बात करते हुए पुलिस उपायुक्त (IFSO स्पेशल सेल) हेमंत तिवारी ने कहा कि Hibox एक मोबाइल ऐप है जो एक सुनियोजित धोखाधड़ी का हिस्सा था. डीसीपी का कहना है कि इस ऐप के जरिए आरोपियों ने हर दिन एक से पांच फीसदी तक गारंटीशुदा रिटर्न देने का वादा किया था, जो एक महीने में 30 से 90% तक होता है. जानकारी ये है कि ये ऐप फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था.इसके जरिए 30,000 से ज्यादा लोगों ने इसमें पैसा लगाया है. हालांकि शुरुआत में ऐप ठीक से काम कर रहा था, लेकिन धीरे-धीरे इसमें गड़बड़ियां सामने आने लगीं. इस मामले में पुलिस ने यह भी कहा है कि इस ऐप को चलाने वाली कथित कंपनी कई समस्याओं का हवाला देते हुए नोएडा में अपना कार्यालय बिना भुगतान किए बंद करके गायब हो गई है.

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