नई दिल्ली : एक दौर था जब बॉलीवुड में कई फिल्में ऐसी बनाई जा रही थीं जो खुद बॉलीवुड ही पहले बना चुका था. हालांकि आज इन फिल्मों को देख कर पहचान लिया जाता है लेकिन इस समय में ये चलन छिपा छिपाया था. जहां प्रेरणा का नाम देकर डायरेक्टर्स धड़ाधड़ पुरानी फिल्मों की स्क्रिप्ट […]
नई दिल्ली : एक दौर था जब बॉलीवुड में कई फिल्में ऐसी बनाई जा रही थीं जो खुद बॉलीवुड ही पहले बना चुका था. हालांकि आज इन फिल्मों को देख कर पहचान लिया जाता है लेकिन इस समय में ये चलन छिपा छिपाया था. जहां प्रेरणा का नाम देकर डायरेक्टर्स धड़ाधड़ पुरानी फिल्मों की स्क्रिप्ट पर नई फिल्में बना रहे थे. तो आइए आज आपको बताते हैं वो फिल्में जो ऑफिशियल रीमेक नहीं रहीं.
सलमान खान और माधुरी दीक्षित की फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ 1982 में आई फिल्म नदिया के पार जैसी ही है. हालांकि कभी भी डायरेक्टर या मेकर्स ने इस फिल्म को रीमेक का टैग नहीं दिया लेकिन आप खुद ही दोनों फिल्मों की कहानी को देखकर समझ जाएंगे कि दोनों में कितनी समानता हैं.
1997 में आई गोविंदा की फिल्म ‘हीरो नंबर वन’ का भी यही हाल है. गोविंदा की यह फिल्म साल 1972 में आई राजेश खन्ना की फिल्म ‘बावर्ची’ से काफी हद तक मिलती जुलती है. हालांकि दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कलेक्शन किया था.
करीना कपूर, ऋतिक रोशन और अभिषेक बच्चन की फिल्म ‘मैं प्रेम की दीवानी हूं’ जो साल 2003 में आई थी भी इस लिस्ट में शामिल है. यह फिल्म साल 1976 में आई फिल्म चितचोर की अनऑफिशियल रीमेक थी. हालांकि चितचोर सुपरहिट साबित हुई थी वहीं मैं प्रेम की दीवानी हूं सुपरफ्लॉप साबित हुई.
करीब एक दशक पहले साल 1991 में आई आमिर खान और पूजा भट्ट की फिल्म ‘दिल है के मानता नहीं’ भी रीमेक ही थी. इस फिल्म को साल 1956 में आई राज कपूर और नरगिस की मूवी चोरी-चोरी को देख कर बनाया गया था. हालांकि इस फिल्म में दौर के साथ नयापन डाल दिया गया था. दोनों ही फिल्में अच्छी हिट गई थीं.
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