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DU ने उठाया अनाथ बच्चों के लिए बड़ा कदम, नहीं देनी होगी फीस

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी का नाम देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों के तौर पर दर्ज है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए देशभर से छात्र दिल्ली आते हैं। हालांकि इस यूनिवर्सिटी में अंडरग्रेजुएट की सिर्फ 70000 सीटें हैं। वहीं इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए लाखों लोग अप्लाई करते हैं। ये दिखाता है […]

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DU ने उठाया अनाथ बच्चों के लिए बड़ा कदम, नहीं देनी होगी फीस
  • February 4, 2023 3:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी का नाम देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों के तौर पर दर्ज है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए देशभर से छात्र दिल्ली आते हैं। हालांकि इस यूनिवर्सिटी में अंडरग्रेजुएट की सिर्फ 70000 सीटें हैं। वहीं इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए लाखों लोग अप्लाई करते हैं। ये दिखाता है कि डीयू को लेकर छात्रों के बीच कितना क्रेज है। डीयू एक और चीज़ के लिए खास माना जाता है। दरअसल, डीयू अपने क्रांतिकारी पहल के लिए जाना जाता है, हाल ही में ऐसा क्रांतिकारी कदम यूनिवर्सिटी ने उठाया है।

नहीं करनी पड़ेगी फीस चार्ज

आपको बता दें, अगले एकेडमिक ईयर से दिल्ली विश्वविद्यालय सभी ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम में अनाथ छात्रों को अतिरिक्त कोटा के तहत दो-दो सीट उपलब्ध कराएगा। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी और बताया कि इस कैटेगरी के छात्रों को फीस चार्ज नहीं करनी पड़ेगी। इसे लेकर यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद की बैठक शुक्रवार को हुई थी, जिस दौरान इस प्रस्ताव को पारित किया गया था।

एक अधिकारी ने कहा, कार्यकारी परिषद ने अगले अकादमिक वर्ष से यूनिवर्सिटी में उपलब्ध कराए जाने वाले प्रत्येक यूजी और पीजी प्रोग्राम में अनाथ बच्चों को एडमिशन देने के संबंध में आज प्रस्ताव पारित किया है।

हॉस्टल फीस में भी मिलेगा छुटकारा

एजेंडे की विषय वस्तु में कहा गया है कि एडमिशन पाने वाले ऐसे छात्रों को हर तरह के शुल्क के भुगतान में छूट मिलेगी, जिसमें हॉस्टल फीस, एग्जाम फीस और अन्य अनिवार्य फीस शामिल है।इन छात्रों के प्रवेश और पढ़ाई का खर्चा यूनिवर्सिटी वेलफेयर फंड या कॉलेज स्टूडेंट वेलफेयर फंड द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

आपको बता दें, इसी बीच काउंसिल सदस्यों ने एडहॉक टीचर्स का मुद्दा भी उठाया था और टीचर्स के विस्थापन को रोकने की मांग भी की थी। परिषद सदस्य सीमा दास ने कहा, हमने टीचर्स के विस्थापन का मामला उठाया जिस पर विस्तार से बात भी हुई। हमने ये मांग की थी कि एडहॉक टीचर्स को समायोजित किया जाए।

 

 

 

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