बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म 'तुम्हारी सुलू' आज रिलीज हो गई है. इस फिल्म में विद्या बालन एक आरजे की भूमिका निभा रही हैं. अगर आप भी फिल्म देखने जा रहे हैं तो इससे पहले यहां पढ़ लें विद्या बालन की फिल्म 'तुम्हारी सुलू' का रिव्यू. वहीं देखना यह भी है कि विद्या बालन की फिल्म 'तुम्हारी सुलू' का फर्स्ट डे कलेक्शन कोई रिकॉर्ड कायम कर पाएगी या नहीं.
मुंबई: बॉलीवुड की फिल्मों के आधे से ज्यादा डायरेक्टर की दिक्कत ये है कि वो फिल्म को पहले हाफ में तान तो ढंग से देते हैं, लेकिन ये समझ नहीं पाते कि अब इसको समेटा कैसे जाए यानि क्लाइमेक्स कैसे प्रभावशाली बनाया जाए.शाहरुख की रईस भी यहीं मात खा गई थी और दंगल के डायरेक्टर को तो आमिर को कमरे में बंद करने की फर्जी कहानी फिल्मानी पड़ी.कुछ ऐसा ही हाल तुम्हारी सुलू के साथ हुआ है.फिल्म एक वक्त पर पंची डायलॉग्स, फनी कॉमेडी टाइमिंग्स और कसे हुए सींस के दम पर ऐसे पीक पर पहुंच जाती है कि आप बीच शो में लिख सकते हैं कि ‘वाह क्या फिल्म बनाई है’.. लेकिन इंटरवल तक पहुंचते पहुंचते फिल्म अपनी लय ताल धीमी कर देती है.
‘तुम्हारी सुलू’ रिव्यू
कहानी है एक आम गृहणी सुलोचना (सुलु) यानी की, जो अपने बेटे और पति के साथ मस्ती से जिंदगी गुजार रही है, और अपनी दोनों पढ़ी लिखीं बैंककर्मी और वैल सैटल्ड बहनों के तानों से ग्रस्त कभी कभी नौकरी या बिजनेस करने की जुगत में लगी रहती है.कुछ नहीं तो रेडियो स्टेशंस या सोसायटी की प्रतियोगिताओं में भाग लेती रहती है.ऐसी ही एक प्रतियोगिता का प्राइज लेने जब वो एक रेडियो स्टेशन जाती है, तो आरजे कांटेस्ट का पोस्टर देखती है.अपने वाचालपन के वजह से वो जल्दी नोटिस में भी आती है और उसे एक शो मिलता है, सविता भाभी स्टाइल में रात के एक शो का, जिसमें उसे सैक्सी अंदाज में लोगों की पर्सनल परेशानियों का मस्ती भरे ढंग से जवाब देना होता है.इधर पति का मालिक बदल जाने से उसको जो परेशानियां होती हैं, उसका फ्रस्ट्रेशन बीवी के सैक्सी शो से और बढ़ जाता है.यहां डायरेक्टर को मुश्किल होती है कि फिल्म को कैसे और किस प्वॉइंट पर खत्म किया जाए, जिसके चलते फिल्म अपनी कॉमिक लाइन से थोड़ी देर के लिए भटक जाती है.
फिल्म चूंकि एक नई थीम पर है, उसके डायलॉग्स और कॉमिक टाइमिंग सटीक हैं, इसलिए आपको देखनी चाहिए.एक्टर्स का सलेक्शन भी खासा अच्छा है पति के रूप में मानव कौल, आरजे स्टेशन की हैड के तौर पर नेहा धुपिया, रेडियो प्रोडयूसर के तौर पर विजय मौर्या और सुलु की दोनों दिमागखाऊ बहनों के किरदार में अच्छे एक्टर्स हैं, इसलिए फिल्म फर्स्ट हाफ तक बांध कर रखती है.सीन का कहां शुरू करना है और किस डायलॉग के साथ खत्म करना है, उसके लिए पहले हाफ में डायरेक्टर ने काफी मेहनत की है, खासकर सोने से पहले के डायलॉग.हालांकि विद्या बालान का आरजे के किरदार में कुछ फनी सींस और जोड़े जा सकते थे, लेकिन जितने थे सारे पहले ही प्रोमो में डाल दिए इसलिए आपको वहां निराशा होगी.
इसलिए फिल्म भले ही 100 करोड़ क्लब में ना जाए, लेकिन फिल्म का हिट होना तय है.भाभीजी घर पर हैं की तरह ये एक फैमिली मूवी में सैक्स का शालीन तड़का है, जिसे हर कोई पंसद करेगा.हालांकि विद्या को इस रोल में इतना मोटा होने की जरूरत नहीं थी, फिर भी उन्होंने अपने जॉनर में अपने क्रेज को बरकरार रखने लायक परफॉरमेंस दी है.ऐसे में इस फिल्म पर एंटरटेनमेंट के लिए पैसा खर्च करना उतना बुरा नहीं.