True Story of Kashmir Pandits नई दिल्ली, True Story of Kashmir Pandits विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स, कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अन्याय को बताने में काफी सक्षम रही है. लेकिन इस फिल्म को बनाने से पहले कई कश्मीरी पंडितों के इंटरव्यू लिए गए थे. जिनमें से एक घटना का ज़िक्र करती हैं […]
नई दिल्ली, True Story of Kashmir Pandits विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स, कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अन्याय को बताने में काफी सक्षम रही है. लेकिन इस फिल्म को बनाने से पहले कई कश्मीरी पंडितों के इंटरव्यू लिए गए थे. जिनमें से एक घटना का ज़िक्र करती हैं पल्लवी जोशी.
द कश्मीर फाइल्स को बनाने में 4 साल लगे थे. फिल्म में बताई गयी घटनाएं सत्य हैं. उन्हें हालांकि अलग नामों से दिखाया ज़रूर गया है, लेकिन फिल्म की सभी घटनाओं को असल कश्मीरी पंडितों के इंटरव्यू दस्तावेज़ और घटनाओं के साक्षियों की बातों को सुनकर ही फिल्माया गया है. इन सभी इंटरव्यू को इकठ्ठा करने के लिए पूरे विश्व का चक्कर लगाना पड़ गया था. देश के कई राज्यों में बसे इन कश्मीरी पंडितों की दुःख और अन्याय की कहानियों में से एक उस महिला की कहानी भी रही जिसको एक बार फिर पल्लवी जोशी ने दोहराया है. महिला के पिता के साथ हुई बर्बरता रूह कंपा देने वाली है.
इस फिल्म के लिए किये गए सभी इंटरव्यू को पल्लवी ने खुद किया था. उन्होंने रिसर्च को जारी रखा था. जिस दौरान उन्हें इस महिला की कहानी भी मिली जिसका ज़िक्र उन्होंने हाल ही की एक बातचीत के दौरान किया. वह बताती हैं कि पहले इंटरव्यू के लिए जाने पर हम जिस महिला से मिले हमें उनके बारे में बस इतनी जानकारी थी कि उनके पिता का मर्डर हुआ है. हम नहीं जानते थे कैसे. उन्होंने बड़ी ही विनम्रता से हमारा स्वागत किया.
आगे पल्लवी बताती हैं कि कैसे महिला ने अपने बचपन से लेकर उन्हें सभी घटनाओं को बताया. अपने पिता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके 50 टुकड़े कर दिए गए थे. जिसके बाद उन्हें बोरे में भरकर फेंक दिया गया था. 2-3 दिन बाद जब बोरी मिली तो उन्होंने आईडी कार्ड से अपने पिता की पहचान की.
आगे वह बताती हैं कि कैसे उनके पिता के पूरे शरीर में गोली मार दी गयी थी. जब पुलिस उनकी बॉडी ले गयी तो उनकी बॉडी के कई अंग पता ही नहीं चल रहे थे. पोस्टमार्टम के बाद जब उनकी बॉडी को सिला गया तो उनके कुछ अंग समझ आये लेकिन उसके बाद भी ताके सही तरीके से न लगने के कारण उनके अंदरूनी अंग दिखाई दे रहे थे.