बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. तापसी पन्नू और ऋषि कपूर की फिल्म मुल्क की रिलीज पर पाकिस्तान पर बैन लगा दिया गया. मुल्क पर लगा ये बैन कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी भारत में कई फिल्मों की रिलीज पर रोक लगा दी गई है. आज बात करते हैं उन्हीं फिल्मों के बारें में जो बनी तो सही लेकिन दर्शकों तक पहुंचने में सफल नहीं हो पाई. लेकिन विदेशों में इन फिल्मों और उनकी कहानियों को खूब सराहा गया साथ ही समीशक्षकों द्वारा भी इसे खूब सराहना मिली.
1. India’s Daughter- भारत की बेटी
साल 2012 का निर्भया कांड को आज भी कोई नहीं भूला है. जब भी देश में किसी बेटी का दरिंदगी के साथ रेप होता हैं सबसे पहले निर्भया को याद किया जाता है. भारत की बेटी Leslee Udwin-लेस्ली उडविन द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री है. यह फिल्म 2012 के दिल्ली गैंग रेप द्वारा 23 वर्षीय ज्योति सिंह की दरिंदगी के साथ की गई हत्या पर आधारित है जो फिजियोथेरेपी की स्टूडेंट थी.
2.Bandit Queen – बैंडिट क्वीन (1994)
बैंडिट क्वीन को आक्रामक’, ‘वल्गर’, ‘अश्लील’ फिल्म थी जिस पर भारतीय सेंसर बोर्ड ने इसके फिल्माकंन पर हंसी उड़ाई थी. फिल्म का विषय ही कुछ ऐसा था. फूलन देवी के जीवन के पर बनी, शेखर कपूर निर्देशित इस फिल्म को इसकी अपमानजनक भाषा, नग्नता और सेक्सुयल कंटेंट के कारण बैन कर दिया गया था, जिसे सेंसर बोर्ड आसानी से पचा नहीं पा रहा था.
3. Fire – फायर (1996)
दीपा मेहता की फिल्म ‘फायर’ ने दुनिया भर में कई आलोचको ने इसकी प्रशंसा की लेकिन भारत में हिंदू समूहों (जैसे शिवसेना) को प्रभावित करने में असफल रही, जिसमें दो बहनों के बीच समलैंगिक संबंधों के बारे में दिखाया गया जो हिंदू परिवार से थी. फिल्म में लीड रोल में शबाना आज़मी और नंदीता दास के साथ, उनकी निर्देशक दीपा मेहता को मौत की धमकी मिली जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने देश में फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया और पूरा विवाद खत्म हुआ.
4. Kama Sutra – A Tale Of Love – कामसूत्र (1996)
काम सूत्र- प्यार की कहानी को भी सेंसर बोर्ड के गुस्से का सामना करना पड़ा, जो राष्ट्र के लिए ‘अनैतिक’ और ‘चरित्रहीन’ थी, जो काम सूत्र के विचार के साथ आया था. मीरा नायर की यह फिल्म, जिसमें भारत में 16वीं शताब्दी में चार प्रेमियों के जीवन को दिखाया गया, समीक्षकों के बीच फिल्म हिट थी लेकिन सेंसर बोर्ड के सामने बुरी तरह फ्लॉप रही और आखिरकार इसकी रिलीज पर रोल लगा दी गई.
5. The Pink Mirror- गुलाबी आईना (2003)
आज के समय पर लिंग मुद्दों पर फिल्म बनाना एक जोखिम भरा काम है. लेकिन श्रीधर रंगयान द्वारा गुलाबी आईना- द पिंक मिरर एक ऐसी फिल्म है जो अंतर-लिंग या यू कहें ट्रांस-कामुकता की धारणा को आगे लेकर आई. कहानी एक इंसान को दो ट्रांससेक्सुअल और समलैंगिक किशोर द्वारा लुभाना या अपनी ओर आकर्षित करने पर आधारित थी. फिल्म में ‘अश्लीलता’ से सेंसर बोर्ड नाराज हो गया और फिल्म पर रोक लगा दी गई लेकिन इसके बाद भी दुनिया भर में फिल्म की समीक्षा की गई.
6. Water- पानी (2005)
वॉटर- पानी दीपा मेहता की और सुर्खियों से भरी फिल्म रही जिसमें भारत में विधवा के अंधकार से भरे जीवन के बारे में बताया गया जो कई विवादों से घिरी रही. वाराणसी के एक आश्रम में स्थित, फिल्म की कहानी अनुराग कश्यप द्वारा लिखी गई थी जिसमें समाज से निकाला और स्री जाति से द्वेष जैसे विवादित मुद्दों को उठाया जो कि भारतीय सेंसर बोर्ड के सर के ऊपर निकल गया. इस फिल्म पर प्रदर्शनकारियों ने बुरी तरह से हमला किया था और लगभग 2000 कट्टरपंथियों ने भी फिल्म के सेट को खत्म कर दिया था.
7. Gandu (2010)
अगर आपको ‘गांडू’ नाम की एक फिल्म से कुछ और उम्मीद है, तो आप जरुर निराश होंगे. बंगाली फिल्म एक रैप संगीत था जिसने अपने ओरल सेक्स दृश्यों और नग्नता के लिए बहुत सुर्खियां बटोरी. ब्लैक एंड वाइट प्रारूप में शूट की गई, फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया क्योंकि इसमें ‘भारतीय संवेदनशीलताओं का उल्लंघन’ किया गया था. सीबीएफसी फिल्म में दिखाए गए यौन दृश्यों, जिसमें मुख्य अभिनेता के लिंग को दिखाए गए से असहज महसूस कर रहा था. बाद में येल विश्वविद्यालय में फिल्म की स्क्रीनिंग की गई और दर्शकों को यह खूब पसंद आई.
8. Unfreedom (2015)
भारत में प्रतिबंधित फिल्मों की इस लंबी सूची में शामिल होने वाली, अनफ्रीडम एक आधुनिक दिन की थ्रिलर फिल्म है जो एक इस्लामी आतंकवाद से संबंधित एक समलैंगिक लेस्बियन प्रेम कहानी के बारे में बात करती है. एक साथ दो ‘taboos’ को लाकर, सेंसर बोर्ड दो नायिकायों के बीच नग्नता और प्रेमपूर्ण दृश्यों को पचा नहीं पाया. फिल्म पर “अप्राकृतिक जुनूनों को जलाने” का आरोप था और इसलिए कुछ राज्यों को छोड़कर भारत में इसकी रिलीज पर इनकार कर दिया गया.
9. Black Friday- ब्लैक फ्राइडे (2004)
मशहूर पुस्तक ब्लैक फ्राइडे- एस हुसैन जैदी द्वारा बॉम्बे बम ब्लास्ट की सच्ची कहानी पर आधारित, अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म को भारत में रिलीज होने के लिए काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. फिल्म को बॉम्बे हाईकोर्ट से रोक के आदेश का सामना करना पड़ा जो 1993 के बॉम्बे में हुए विस्फोट के मामले और मुकदमा खत्म होने तक जारी रहा.
10. Chaatrak/Mushrooms
यह एक बंगाली फिल्म है जिसे विमुक्ति जयसुंदर द्वारा निर्देशित की गई थी जिसे कोलकाता में बड़े पैमाने पर शूट की गई. फिल्म में पूर्ण तरीके से दिखाए नग्नता को सेंसर बोर्ड बर्दाशत नहीं कर पाया और इसका हाल भी बाकी फिल्मों की तरह हुआ. लेकिन 2011 में कान फिल्म फेस्टिवल, 2011 टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और पेसिफिक मेरिडियन फिल्म फेस्टिवल, रूस, में इसने सम्मान जीता.
Mulk Movie Review Ratings: तापसी पन्नू और ऋषि कपूर की मुल्क को समीक्षकों से मिले 3.5 स्टार
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