कुली और बस कंडक्टर से ऐसे रजनी बना सुपर स्टार Rajinikanth! खिलाफ बोलने पर जान ले लेते हैं फैंस

नई दिल्ली : कुछ लोगों के लिए सुपर स्टार जैसे शब्द कम पड़ जाते हैं. ऐसा ही एक नाम हैं थलाइवा यानी रजनीकांत का जो आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं. रजनीकांत जैसा आज तक कोई सुपर स्टार नहीं हुआ है. उनकी फिल्में उनके नाम और उनकी मौजूदगी से ही सुपर हिट हो जाती […]

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कुली और बस कंडक्टर से ऐसे रजनी बना सुपर स्टार Rajinikanth! खिलाफ बोलने पर जान ले लेते हैं फैंस

Riya Kumari

  • December 12, 2022 5:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : कुछ लोगों के लिए सुपर स्टार जैसे शब्द कम पड़ जाते हैं. ऐसा ही एक नाम हैं थलाइवा यानी रजनीकांत का जो आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं. रजनीकांत जैसा आज तक कोई सुपर स्टार नहीं हुआ है. उनकी फिल्में उनके नाम और उनकी मौजूदगी से ही सुपर हिट हो जाती हैं. फैंस के लिए उनकी दीवानगी किसी इबादत से कम नहीं है. आइए आज इस ख़ास दिन पर उनके जीवन से जुड़े कुछ ख़ास किस्सों को जानते हैं.

संघर्ष की कहानी

आज के सुपर स्टार रजनीकांत केवल रजनी हुआ करते थे. बेंगलुरु के एक गरीब परिवार में जन्मे रजनीकांत के पिता मराठी मूल के रामोजी राव पुलिस कॉन्स्टेबल थे. चार भाई-बहनों सत्यनारायण, नागेश्वर और अश्वत (बहन) में रजनी सबसे छोटे थे. पढ़ाई में अव्वल रहे रजनीकांत शुरुआत से ही एक्टिंग किया करते थे. 9 साल की उम्र में उनके सर से माँ का साया उठ गया. पिता के रिटायरमेंट के बाद परिवार बेहद तंग हालत से गुजरने लगा. इस दौरान उन्होंने कम उम्र में जिम्मेदारी संभाली. छोटे-मोटे काम कर रजनी पैसे कमाने लगे.

बेंगलुरु ट्रांसपोर्ट सर्विस में वह बतौर बस कंडक्टर काम किया करते. एक समय था जब उन्होंने कुली बनकर बोझा भी ढोया है. हालांकि इस दौरान उन्होने कई नौकरी के साथ कई नाटकों में भी हिस्सा लिया। लेकिन एक्टिंग में पूरी तरह से आने की प्रेरणा उन्हें अपनी पहली गर्लफ्रेंड से मिली.

पहले प्यार ने बनाया स्टार

रजनीकांत का जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा. रजनीकांत एक समय में बस कंडक्टर की नौकरी किया करते थे. उस दौरान उनकी मुलाकात बेंगलुरु में मेडिकल स्टूडेंट निर्मला से हुई और दोनों की दोस्ती रिलेशनशिप में बदल गई. एक दिन निर्मला ने रजनीकांत का नाटक देखकर उनसे एक्टिंग में ही अपना करियर बनाने के लिए कहा. उन पहले प्यार ने उनके नाम की एप्लिकेशन अद्यार फिल्म इंस्टीट्यूट में दी, और उन्हें एडमिशन मिल गया. हालांकि इसके बाद निर्मला और रजनीकांत अलग हो गए लेकिन उनके पहले प्यार की वजह से वह रजनी से रजनीकांत बने.

 

फिल्म देखने के लिए दी जान

रजनीकांत की फिल्म रिलीज़ होना मतलब कोई त्योहार का होना. लोगों में उनकी दीवानगी को लेकर सैंकड़ों किस्से भरे हुए हैं. कई लोगों ने उनकी फिल्में देखने के लिए अपना घर, जमीन यहां तक की पत्नी के गहने भी बेच दिए थे. उनकी फिल्म रिलीज़ की डेट सरकार अपने सभी कर्मचारियों को छुट्टी दे देती है. आलम ये है कि ना सिर्फ साउथ इंडिया बल्कि पूरे विश्व में उनकी दीवानगी के कई किस्से हैं. उनकी फिल्म के फर्स्ट डे-फर्स्ट शो को देखने के लिए कई लोग तो अपनी जान तक पर खेल जाते हैं. एक किस्सा है कि रजनीकांत के एक फैंस ने अपनी जीवन के आखिरी क्षणों में उन्हीं की फिल्म देखी. लेकिन एक सवाल ये भी है कि 160 फिल्में, 66 हजार फैन क्लब वाले रजनीकांत आखिर इंडस्ट्री में आए कैसे?

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