मुंबई: महान अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं हार का निर्वासन नहीं बल्कि युद्ध की घोषणा हैं. साथ ही वो भाजपा के सह-संस्थापकों व वरिष्ठ नेताओं में से एक थे. हालांकि तीन बार देश के प्रधानमंत्री भी बने, लेकिन इसके साथ ही वो एक प्रसिद्ध कवि और लेखक भी थे. साथ ही उन्होंने युवावस्था में ही […]
मुंबई: महान अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं हार का निर्वासन नहीं बल्कि युद्ध की घोषणा हैं. साथ ही वो भाजपा के सह-संस्थापकों व वरिष्ठ नेताओं में से एक थे. हालांकि तीन बार देश के प्रधानमंत्री भी बने, लेकिन इसके साथ ही वो एक प्रसिद्ध कवि और लेखक भी थे. साथ ही उन्होंने युवावस्था में ही एक अद्भुत कविता लिखी थी और ”हिन्दू तन-मन हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय”. बता दें कि इससे पता चलता है कि बचपन से ही उनका रुझान कविताओं और देश हित के प्रति था. बता दें कि ये वही कविता है जिसे कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में सुनाकर रामायण की आड़ में हिंदुत्व और हिंदुओं पर हमला बोलने वालों को आड़े हाथों लिया था.
बता दें कि ये वही गीत है जिसे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का तेजोमयी रूप दिखाने के लिए अक्सर मंचों पर गाया जाता है और ये गीत अब बहुत जल्द दुनिया भर के बॉक्स ऑफिस में भी बजने जा रहा रहा है. हालांकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे और फिर पहले भारतीय जनसंघ और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मुख्य भूमिका निभाने वाले जन नेता अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनकथा पर बनी फिल्म “मैं अटल हूं” में वाजपेयी रचित ये गीत भी कहानी के एक प्रमुख पड़ाव पर शामिल किया गया है. हालांकि वाजपेयी के कवि हृदय पर खास फोकस करने वाली इस फिल्म में उनका जो संकल्प गान गूंजने वाला है. वो कुछ इस तरह शुरू होता है…
“मैं शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार-क्षार
डमरू की वह प्रलय-ध्वनि हूं जिसमें नचता भीषण संहार
रणचण्डी की अतृप्त प्यास, मैं दुर्गा का उन्मत्त हास
मैं यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुआंधार
फिर अन्तरतम की ज्वाला से, जगती में आग लगा दूं मैं
यदि धधक उठे जल, थल, अम्बर, जड़, चेतन तो कैसा विस्मय?
हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचय!”
Dharmesh Darshan: करिश्मा ने धर्मेश दर्शन के सामने राज कपूर के बारें में किया खुलासा