Titanic से पहले आया था Avatar का आईडिया, एडवांस फिल्म बनाने में लग गया समय

नई दिल्ली : कल यानी 16 दिसंबर को दुनिया को सबसे महंगी फिल्म अवतार 2 भारत में रिलीज़ होने जा रही है. इस फिल्म को बनाने में 250 मिलियन डॉलर्स (2000 करोड़ रुपए) लगे हैं. यह फिल्म बेहद दिलचस्प है जिसका कॉन्सेप्ट सपने से लिया गया है. जी हां! इस फिल्म को बनाने का कॉन्सेप्ट […]

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Titanic से पहले आया था Avatar का आईडिया, एडवांस फिल्म बनाने में लग गया समय

Riya Kumari

  • December 15, 2022 5:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : कल यानी 16 दिसंबर को दुनिया को सबसे महंगी फिल्म अवतार 2 भारत में रिलीज़ होने जा रही है. इस फिल्म को बनाने में 250 मिलियन डॉलर्स (2000 करोड़ रुपए) लगे हैं. यह फिल्म बेहद दिलचस्प है जिसका कॉन्सेप्ट सपने से लिया गया है. जी हां! इस फिल्म को बनाने का कॉन्सेप्ट एक सपने से आया था जिसके पीछे काफी रोचक कहानी है. बेहद कम लोग जानते हैं कि अवतार फिल्म का आईडिया डायरेक्टर जेम्स कैमरून को टाइटैनिक फिल्म से पहले आया था.

12 साल बाद बनी फिल्म

दरअसल जेम्स के दिमाग में टाइटैनिक फिल्म बनाने का आईडिया भी नहीं आया था तब उन्होंने अवतार फिल्म को बनाने के बारे में सोचा था. बता दें, टाइटैनिक फिल्म आने के करीब 12 साल बाद अवतार आई थी. साल 2009 में फिल्म का पहला भाग रिलीज़ हुआ था जिसकी कहानी, कॉन्सेप्ट और VFX ने पूरी दुनिया के होश उड़ा दिए थे. उस समय इस फिल्म की टेक्नोलॉजी आज के समय से भी आगे थी. अब पूरे 13 साल बाद इस फिल्म का दूसरा भाग आ रहा है. ऐसे में फैंस की एक्साइटमेंट सांतवे आसमान पर है. फिल्म का टाइटल अवतार- द वे ऑफ वाटर रखा गया है. ‘अवतार- द वे ऑफ वाटर’ के ट्रेलर को देख कर दर्शकों के होश उड़ गए थे.

माँ के सपने से आया था कॉन्सेप्ट

फिल्म के डायरेक्टर जेम्स कैमरून की मां शर्ली कैमरून को एक सपना आया था. उनके इस सपने के बाद इस फिल्म की कहानी को गढ़ा गया. डायरेक्टर के माँ के सपने में एक नीले रंग की लड़की दिखाई दी थी जिसकी लंबाई 12 फ़ीट थी. जब महिला ने अपने डायरेक्टर बेटे को सपना सुनाया तो उन्हें इस तरह की कहानी बनाने का आईडिया आया.

समय से आगे है फिल्म

फिल्म के डायरेक्टर जेम्स कैमरून की बात करें तो टाइटैनिक से लेकर अवतार-2 तक उनका करियर काफी आगे रहा है. उनका नाम उन निर्देशकों में लिया जाता है जिनकी फिल्म बनाने का तरीका समय से काफी आगे था. उनकी एक और ख़ास बात ये है कि वह फिल्म लिखने के बाद उसे बनाने का तरीका भी खोज लेते हैं. 2006 में फिर इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम किया गया था. इस फिल्म के लिए अलग भाषा भी बनवाई गई है. यूएससी में भाषाविद डॉ. पॉल फ्रॉमर ने इस भाषा को बनाया है. इसे अब तक 1000 शब्दों को जोड़ा गया था. बाद में खुद डायरेक्टर ने इस नई भाषा में 30 अन्य शब्दों को जोड़ दिया था.

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