नई दिल्ली: 26वें स्वामी हरिदास-तानसेन संगीत नृत्य महोत्सव का शानदार आगाज़ राजधानी के मॉडर्न स्कूल में 10 जनवरी, 2025 शुरू हो चुका है। भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य की समृद्ध परंपरा को समर्पित इस महोत्सव की पहली संध्या ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वामी हरिदास और तानसेन जैसे संगीत जगत के दिग्गजों को समर्पित यह महोत्सव, डॉ. उमा शर्मा द्वारा तैयार किए गए “महफ़िल अंदाज़” प्रारूप में प्रस्तुत किया गया। यह प्रारूप गुरु-शिष्य परंपरा की आत्मीयता और गहराई को दर्शकों तक पहुँचाने का प्रयास करता है।

शास्त्रीय संगीत का जादू

इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध ध्रुपद गायक उस्ताद एफ. वसीफुद्दीन डागर के भावपूर्ण गायन से हुई। उनकी प्रस्तुति श्रोताओं को ध्यान और भक्ति की दुनिया में ले गई। इनके बाद, प्रसिद्ध सितार वादक उस्ताद शुजात खान ने अपनी विशिष्ट शैली में शास्त्रीय संगीत का जादू बिखेरा। उनकी प्रस्तुति ने भावनात्मक अभिव्यक्ति का अद्भुत संगम पेश किया। इस संगीतमय शाम का समापन विश्वविख्यात बांसुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया की जादुई प्रस्तुति के साथ हुआ। पं. चौरसिया ने बांसुरी पर रागों की अद्भुत व्याख्या करते हुए दर्शकों को दिल छू लिया।

Pt Hariprasad Chaurasia, Shujaat  Khan, Shubha Mudgal Pt Hariprasad Chaurasia, Shujaat  Khan, Shubha Mudgal

सुश्री शुभा मुद्गल की प्रस्तुति

बता दें महोत्सव अगले दो दिनों यानी शनिवार और रविवार भी जारी रहेगा, जिसमें देश के दिग्गज कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। दूसरे दिन पं. विश्वमोहन भट्ट , पं. सलील भट्ट और राजस्थान के मांगणियार कलाकारों की संगत, पं. शुभेन्द्र राव और सुश्री सास्किया राव की जुगलबंदी और सुप्रसिद्ध गायिका सुश्री शुभा मुद्गल की प्रस्तुति होंगी। अंतिम दिन डॉ. उमा शर्मा और उनके शिष्य, पं. तेजेन्द्र नारायण मजूमदार और बेगम परवीन सुल्तानाजैसे दिग्गज कलाकार महोत्सव का समापन करेंगे। बता दें हरिदास-तानसेन संगीत एक भारतीय आध्यात्मिक कवि और शास्त्रीय संगीतकार थे, जिनका संगीत जगत में अहम योगदान है.

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