बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. पिछले साल बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे ने सोशल मीडिया पर ये बता कर सभी को चौंका दिया था कि उन्हें हाई-ग्रेड कैंसर है. वहीं शनिवार को सोनाली ने कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई, इलाज और कैसे और उनके पति गोल्डी बहल के बारे में प्रतिक्रिया जाहिर की. सोनाली बेंद्रे ने इसे अपने जीवन का सबसे मुश्किल चरण बताया है. सोनाली बेंद्रे ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि ये मेरे जीवन का एक अलग ही दौर था. मेरे पति और मैं इस दौर को बीसी और एसी कहते हैं, कैंसर से पहले और कैंसर के बाद.
साथ ही सोनाली बेंद्रे ने आगे कहा है कि वो वक्त मेरी लाइफ का सबसे मुश्किल समय रहा है. मैंने ये नहीं देखा कि मेरे साथ क्या हो रहा है. मैं कोई ज्यादा सवाल नहीं पूछे. शायद महिलाओं के रूप में हमें सिखाया जाता है कि सहन-शक्ती अच्छी बात होती है. हमें इसके लिए सख्त बनना होगा और दर्द सहना होगा. साथ ही हमें बताया जाता है कि जैसे आपको एक बच्चा पैदा करना होती है, ठीक वैसा ही दर्द सहना पड़ता है.
सोनाली बेंद्रे ने आगे बताया कि हम सभी को ये सब साफ तौर पर बताया जाता है और इसलिए हमें इन सब के लिए तैयार रहना पड़ता है, जिसके बाद आप अपने आप से कहते हैं कि हम दर्द को सहन कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं. सोनाली बेंद्रे ने ये सब CAHOCON 2019 में बताया. दरअसल, मुंबई में हुए कंसोर्टियम ऑफ एक्रिडिटेड हेल्थकेयर ऑर्गनाइजेशन (CAHOCON) के एक इवेंट के दौरान सोनाली बेंद्रे ने अपनी हाई-ग्रेड कैंसर के बारे में बात करते हुए ये सब बताया.
सोनाली ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने आप को इस लड़ाई के लिए तैयार किया. साथ ही उनके परिवार खास कर उनके हसबैंड गोल्डी बहल ने कैसे इस हालता में भी उनका साथ दिया उनको, संभाला और न हारने का हौसला दिया. साथ ही सोनाली बेंद्रे ने ये भी बताया कि किस तरह कमजोरी के उन संकेतों को अनदेखा करती रही जो उसके शरीर उन्हें दे रहा था. सोनाली बेंद्रे ने बताया कि मैं खुद से कहती रही कि मैं ठीक होने के लिए अपने अठारह घंटे दिन के लगा रही हूं, इसलिए जाहिर है कि मैं ठीक हूं.
सोनाली बेंद्रे ने आगे बताया कि अब जब मैं पीछे देखती हूं, तो मैं खुद से पूछती हूं – मैंने ऐसा कैसे किया. कैसे कर पाई मैं ये सब ? फिर ये सवाल आता है – मैंने इस दर्द को साथ क्यों रखा ? मैं किस चीज़ का इंतज़ार कर रही थी ? मैं ये समझने की पूरी कोशिश कर रही थी कि मेरा शरीर मुझे क्या बताने की कोशिश कर रहा था ? और अब जब में पूरी तरह से ठीक हो कर वापस मुंबई आ चुकी हूं तो मैंने महसूस किया कि हमें इसे के बारे में पता होना चाहिए.
सोनाली बेंद्रे ने कहा कि इसके लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए. ये कुछ ऐसा नहीं है जिसे छिपाने और इसे केवल परिवार तक सीमित रखने की जरूरत है. साथ ही हमारी मानसिक स्थिति नीचे जा रही थी क्योंकि मैं उस दर्द के साथ जी रही थी और देखभाल करने वालों को मुझे इससे बाहर निकलने की जरूरत है. इसलिए अगर मैं इसके बारे में बात कर रही हूं तो लोग अपनी कहानियों को साझा कर रहे हैं, तो मुझे ऐसा करने में खुशी हो रही है.
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