मुंबई: 90 के दशक में गायक अनुराधा पौडवाल हर गाने की जान हुआ करती थी. बता दें कि 90 के दशक में अनुराधा पौडवाला, पूजा भट्ट और माधुरी दीक्षित की आवाज हुआ करती थीं. हालांकि फिल्मों में गाने के अलावा उन्होंने हिट एलबम भी दिए हैं और अनुराधा को आप में से ज्यादातर लोगों ने […]
मुंबई: 90 के दशक में गायक अनुराधा पौडवाल हर गाने की जान हुआ करती थी. बता दें कि 90 के दशक में अनुराधा पौडवाला, पूजा भट्ट और माधुरी दीक्षित की आवाज हुआ करती थीं. हालांकि फिल्मों में गाने के अलावा उन्होंने हिट एलबम भी दिए हैं और अनुराधा को आप में से ज्यादातर लोगों ने भजन और भक्ति गायिका के रूप में भी जानते हैं लेकिन शायद आप ये जानते नहीं है कि अनुराधा एक समय में हिंदी फिल्मी गीत भी गाती थी.
उन्होंने कहा कि गायिका लताजी की गाई गीता को आज भी मैं गाती हूं. साथ ही उससे आवाज में स्पष्टता आती थी. एक बार मैं 40 दिन बीमार रही और उस दौरान लताजी की गाई श्रीमद्भगवत गीता ही सुनती रही और यहां तक कि ये मुझे याद भी हो गई. बता दें कि सरस्वती की कृपा मुझ पर लता मंगेशकर के द्वारा ही हुई है. बता दें कि मुकेश जी बहुत तेजस्वी व्यक्तित्व के थे और उनका आभा मंडल कमाल का था, मुझे याद है कि जब पहली बार मैं उनसे मिली थी तो उनका चेहरा देखा था तो मुझे ऐसा लगा कि कोई देवदूत या फिर भगवान हैं. साथ ही मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मेरा पहला गाना उनके साथ था. हालांकि वो फिल्म रिलीज नहीं हुई है लेकिन मुझे हमेशा उनका बहुत प्यार मिला है. हालांकि रफी साहब के साथ भी ऐसा रहा है कि उस समय मैं 18-19 साल की ही थी बहुत डरती थी उनसे और वो बहुत प्यार से और धीरे से बोलते थे कि डरना नहीं है बहुत अच्छा हो रहा है. हालांकि किशोर दा के साथ तो मैंने 250 शोज किए हैं.
बता दें कि अपने सूर्योदय फाउंडेशन के द्वारा ये काम मैं ईश्वर के आशीर्वाद से ही कर पाई हूं और मेरी बड़ी इच्छा है कि और भी संगठन मेरे साथ जुड़ें ताकि मैं ऐसे हर बच्चे को आवाज का उपहार दे सकूं. जिसे सुनने में तकलीफ होती है.
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