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सिद्धार्थ रॉय कपूर का बड़ा एलान, अब भारत के पहले चुनाव आयुक्त पर बनेगी फिल्म

नई दिल्लीः सात चरणों के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव अब फैसले की घड़ी के करीब पहुंच गया है. कुछ ही घंटों में पता चल जाएगा कि अगले पांच साल तक देश में कौन सी राजनीतिक पार्टी शासन करेगी. लोकतंत्र के जश्न के इस अहम पड़ाव पर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की ओर से एक अहम […]

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सिद्धार्थ रॉय कपूर का बड़ा एलान, अब भारत के पहले चुनाव आयुक्त पर बनेगी फिल्म
  • June 4, 2024 7:32 am Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

नई दिल्लीः सात चरणों के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव अब फैसले की घड़ी के करीब पहुंच गया है. कुछ ही घंटों में पता चल जाएगा कि अगले पांच साल तक देश में कौन सी राजनीतिक पार्टी शासन करेगी. लोकतंत्र के जश्न के इस अहम पड़ाव पर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की ओर से एक अहम घोषणा हुई है. निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर ने पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन पर एक बायोपिक की घोषणा की है, जिन्हें आजादी के बाद पहले आम चुनावों के पीछे प्रेरक शक्ति माना जाता है।

खास दिन पर हुआ एलान

सिद्धार्थ रॉय कपूर ने सुकुमार की बायोपिक बनाने के अधिकार हासिल कर लिए हैं। रॉय कपूर फिल्म्स ने ट्राइचिटेनमेंट मीडिया के सहयोग से बायोपिक के सभी अधिकार हासिल कर लिए हैं। खास बात यह है कि इस बायोपिक की घोषणा चुनाव नतीजों से ठीक एक दिन पहले 3 जून को की गई है. बायोपिक की सूचना सोशल मीडिया पर जारी की गई, जिसमें सिद्धार्थ राय कपूर ने कहा, “हम अपने नेशनल हीरोज में से एक सुकुमार सेन के जीवन पर बायोपिक बनाने को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं। सुकुमार सेन ने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”

सुकुमार सेन का योगदान

सुकुमार सेन के कामों की सराहना करते हुए उन्होंने आगे कहा, “अशिक्षा से निपटने के लिए अलग-अलग चुनाव चिह्न और रंगों द्वारा राजनीतिक दलों की पहचान करने के सिस्टम से लेकर गड़बड़ियों से बचने के लिए अंगुली पर अमिट स्याही लगाने की सोच तक… उनके कई इनोवेशन आज भी लागू हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करने में सुकुमार सेन का अहम योगदान है, उनकी सराहना की जानी चाहिए।”

बता दें बायोपिक को लेकर सुकुमार सेन के पोते संजीव सेन ने बताया की, “एक राष्ट्र के रूप में भारत की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक इसका सफल लोकतंत्र रहा है। सभी लोकतंत्रों की नींव स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव है और इस चुनावी प्रक्रिया की नींव रखने का श्रेय सुकुमार सेन को जाता है, जो मेरे दादा और स्वतंत्र भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे।”

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