November 5, 2024
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छठ से पहले और गंभीर हुई शारदा सिन्हा की हालत, बेटे ने दिया लेटेस्ट अपडेट

छठ से पहले और गंभीर हुई शारदा सिन्हा की हालत, बेटे ने दिया लेटेस्ट अपडेट

  • WRITTEN BY: Aprajita Anand
  • LAST UPDATED : November 5, 2024, 9:07 am IST
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नई दिल्ली: लोक गायिका शारदा सिन्हा की हालत गंभीर बताई जा रही है. इस बात की जानकारी उनके बेटे ने यूट्यूब पर एक वीडियो शेयर करके दी है. छठ पूजा का त्योहार बहुत नजदीक है. इसी बीच लोक गायिका को लेकर एक बेहद बुरी खबर सामने आई है. पिछले कई दिनों से शारदा सिन्हा की गंभीर हालत की खबरें जोरों पर थीं, इसी बीच अब सिंगर के बेटे के वीडियो से फैन्स को गहरा झटका लगा है.

बेटे ने बताया-

बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा की हालत गंभीर बताई जा रही है. उनके बेटे अंशुमान ने हाल ही में एक लाइव सेशन के दौरान बताया था कि उनकी मां वेंटिलेटर पर हैं और उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है. यह खबर सुनने के बाद उनके फैंस बेहद चिंतित हैं. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी मां की हालत के बारे में अपडेट देते हुए अंशुमान ने कहा, ‘इस बार यह सच्ची खबर है. मां वेंटिलेटर पर हैं. मैंने सहमति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, प्रार्थना जारी रखें. मां बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रही है.’ उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर उनकी हालत को स्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन स्थिति गंभीर है.

दिल्ली के एम्स में भर्ती

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं. पति बृजकिशोर सिन्हा की मौत के बाद से वह मानसिक तनाव में थीं, जिसके बाद से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है. अंशुमान ने कहा कि मां की हालत के बारे में सभी को सही जानकारी मिलनी चाहिए ताकि गलत अफवाहें न फैलें. उन्होंने कहा, ‘मैं इस समय लाइव आकर आपको सही जानकारी दे रहा हूं ताकि कोई गलत जानकारी न डाल दे. मैं सभी से प्रार्थना करता हूं कि मां को इस कठिन समय में कुछ और समय मिले.’ उनकी इमोशनल अपील ने फैंस के दिलों को छू लिया है.

शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण से किया गया सम्मानित

बता दें कि शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के समस्तीपुर में हुआ था. संगीत के प्रति उनका जुनून उन्हें बचपन से ही शास्त्रीय संगीत की ओर ले गया. उन्होंने भोजपुरी और मैथिली में कई लोक गीत गाए हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान छठ पर्व के गीतों से मिली. शारदा सिन्हा को कई सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें 1992 में पद्मश्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण शामिल हैं. उनके गाए ‘काहे तो से सजना’ और ‘बाबुल’ जैसे गानों ने भी उन्हें बॉलीवुड में खूब पहचान दिलाई.

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