सुप्रीम कोर्ट ने पीपली लाइव के निर्देशक महमूद फारुखी पर चले रहे रेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले में दखल देने का कोई कारण नही बनता है. बता दें कि इस घटना में जिस लड़की ने फारुखी पर आरोप लगाए थे वो एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलर थीं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पीपली लाइव के निर्देशक महमूद फारुखी पर चले रहे रेप केस में उन्हें राहत देते हुए उनके खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है. बता दें कि फारुकी पर उनकी एक दोस्त ने रेप का आरोप लगाया था. 19 जून, 2015 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. निचली अदालत ने मामले की सुनवाई सितंबर 2015 को शुरू की थी. फारूकी को इस मामले में 30 जुलाई, 2016 में दोषी ठहराया गया था. ट्रायल कोर्ट ने महिला के बयान को सही मानते हुए फारुखी को इस मामले में 7 साल की जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद दिल्ली हाइकोर्ट में ये मामला पहुंचने के बाद कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए महमूद फारुखी को बरी कर दिया था. उस समय दिल्ली हाइकोर्ट ने जेल प्रशासन को फारुखी को तुरंत रिहा करने के आदेश जारी किए थे. जिसके बाद लड़की ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी.
अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले में दखल देने का कोई कारण नही बनता है. कोर्ट ने दोनों के बीच ई-मेल पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी कितनी कथित घटनाएं हुईं हैं जिनमें पीड़ित ने घटना के बाद आरोपी को ‘आई लव यू’ बोला हो. जस्टिस एसए बोब्दे और जस्टिस एल. नागेश्वर राव की पीठ ने कहा कि ई-मेल से हुई बातचीत को देख कर ऐसा लगता है कि दोनों अच्छे दोस्त थे. बता दें कि इस घटना में जिस लड़की ने फारुखी पर आरोप लगाए थे वो एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलर थीं.
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