Saira Bano remembers late Dileep Kumar : दिलीप कुमार के निधन के बाद पहली बार बोली सायरा बानो, कहा- ख्यालों में आज भी हाथ थामे साथ चलते हैं

मुंबई. वो जब याद आए बहुत याद आए, 11 अक्टूबर को दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार और सायरा बानो की सालगिरह है. इससे पहले सायरा बनो ( Saira Bano remembers late Dileep Kumar ) ने भावुक होते हुए. दिलीप जी को याद किया है. उन्होंने कहा कि हम आज भी एक-दूसरे का हाथ थामे चलते […]

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Saira Bano remembers late Dileep Kumar : दिलीप कुमार के निधन के बाद पहली बार बोली सायरा बानो, कहा- ख्यालों में आज भी हाथ थामे साथ चलते हैं

Aanchal Pandey

  • October 9, 2021 9:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

मुंबई. वो जब याद आए बहुत याद आए, 11 अक्टूबर को दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार और सायरा बानो की सालगिरह है. इससे पहले सायरा बनो ( Saira Bano remembers late Dileep Kumar ) ने भावुक होते हुए. दिलीप जी को याद किया है. उन्होंने कहा कि हम आज भी एक-दूसरे का हाथ थामे चलते हैं.

7 जुलाई को दिग्गज़ अभिनेता दिलीप कुमार का हुआ था निधन

बता दें कि बॉलीवुड के दिग्गज़ अभिनेता दिलीप कुमार ने बीते 7 जुलाई को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनके निधन से न केवल बॉलीवुड इंडस्ट्री बल्कि उनके तमाम प्रशंसकों के बीच भी शोक की लहर दौड़ गई थी. दिवंगत अभिनेता के निधन के बाद से ही उनकी पत्नी और इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा सायरा बानो भी काफी अकेली पद गई थी. 11 अक्टूबर को दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी की 56वीं सालगिरह है, ऐसे में एक्ट्रेस ने अपनी सालगिरह से पहले दिलीप कुमार को याद किया और कहा कि ख्यालों में हम आज भी एक-दूसरे का हाथ थामे चलते हैं.

सायरा बानो ने दिलीप कुमार को याद करते हुए लिखा लेख 

सायरा बानो ने दिलीप कुमार को याद करते हुए एक लेख लिखा इसमें उन्होंने कहा- 11 क्टूबर को मेरी और मेरे प्यार कोहिनूर दिलीप साहब की शादी की 56वीं सालगिरह है. मैं यह लेख खासकर अपने परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों के लिए लिख रही हूं, जिन्होंने इस मुश्किल घड़ी में मुझे खूब सारा प्यार दिया. दिलीप साहब और मैं, जब वक्त रुक गया था और आसमान ढेर सारे चमकदार तारों से जगमगा रहा था, हमारी शादी, आनंदमय जीवन को साझा करने की शुरुआत, यह कोई मायने नहीं रखता कि क्या हुआ है, हम अभी भी एक-दूसरे का हाथ थामकर अपने ख्यालों में साथ चलते हैं और अंत तक ऐसे ही चलेंगे.

दिलीप साहब एक मार्गदर्शक थे, न केवल मेरे लिए, बल्कि उन सभी पीढ़ियों के लिए जिन्होंने अपनी उपस्थिति और व्यक्तित्व के कारण अपने जीवन में आगे कदम बढ़ाया. दिलीप साहब हमेशा रहेंगे, आमीन. अल्लाह हमेशा उनपर अपना प्यार और रहमत बरसाते रहें.

 

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