Rocketry teaser: आर माधवन की फिल्म रॉकेट्री का टीजर आज रिलीज हुआ. ये फिल्म अंतरिक्ष वैज्ञानिक एस नम्बी नारायणन के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म में आर माधवन ने नम्बी नारायणन का रोल निभाया है. टीजर की शुरुआत ISRO द्वारा मंगल गृह पर भेजे गए अंतरिक्ष यान से होती है. टीजर के शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनाई देता है उसके बाद नम्बी नाराणय की भूमिका निभा रहे आर माधवन की आवाज आती है.
बॉलीवुड डेस्क, मुंबई, एक्टर आर माधवन की आगामी फिल्म रॉकेट्री का टीजर रिलीज हो चुका है. ये फिल्म एयरोस्पेस इंजीनियर और अंतरिक्ष वैज्ञानिक एस नम्बी नारायण के जीवन पर आधारित है. फिल्म के टीजर शुरुआत रॉकेट लॉन्च से होती है और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की एक लाइन सुनाई देती है जिसमें पीएम मोदी कहते हैं कि मेरे प्यारे देशवासियों आज मैन का मंगल से मिलन हो गया. जबकि अगली आवाज आर माधवन की होती है. टीजर में दिखाया गया है कि भारत ने पहले ही प्रयास में अपना अंतिरक्ष यान मंगल गृह पर कैसा भेजा? जबकि मंगल गृह पर अंतरिक्ष यान भेजने के लिए अमेरिका को 19 और रूस को 16 प्रयास करने पड़े.
एक्टर आर माधवन ने अपनी आने वाली नई फिल्म रॉकेट्री के बारे में सोशल साइट इंस्टाग्राम पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसी बहुत सी स्टोरी हैं जिनके बारे में आपने सुना होगा, इसके अलावा ऐसी भी स्टोरी हैं जिनके बारे में आप बिल्कुल नहीं जानते होंगे, उनमें से एस नम्बी नारायणन की एक ऐसी ही कहानी है. आर माधवन के मुताबिक जब आप एस नम्बी नारायणन की स्टोरी के बारे में सुनेंगे और उनकी उपलब्धियां देखेंगे तो ये मेरा वादा है कि आप चुप नहीं बैठेंगे. आर माधवन ने कहा कि रॉकेट्री फिल्म के जरिए जो एस नांबी नारायण के बारे में नहीं जानते हैं उन्हें इस फिल्म के जरिए जानकारी मिलेगी.
इस फिल्म में अभिनेता आर माधवन ने एस नम्बी नारायणन का रोल किया है. फिल्म के टीजर में वह बीते दिनों की कहानी सुना रहे हैं. आर माधवन कहते है कि मेरा नाम एस नम्बी नारायणन है, मैंने रॉकेट्री में 35 साल बिताए हैं इसके इसके अलावा 50 दिन जेल में भी रहा. वह आगे कहते हैं कि उन 50 दिनों की कीमत जो मेरे देश ने चुकाई ये उसी की कहानी है मेरी नहीं. गौरतलब है कि भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक रहे एस नम्बी नारायणन को झूठे आरोपों के चलते गिरफ्तार किया गया था. साल 1996 में एस नम्बी नारायणन पर लगे आरोपों को सीबीआई ने अपनी जांच में झूठ पाया. उसके बाद साल 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निर्दोष साबित किया.