नई दिल्लीः मराठी फिल्म इंडस्ट्री से दिग्गज अभिनेता रवींद्र बेर्डे ने 78 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। रवींद्र बेर्डे ने अपने रोल से मराठी सिनेमा में अलग पहचान बनाई। वे पिछले कुछ वक्त से गले के कैंसर से पीड़ित थे। कुछ महीने से उनका इलाज टाटा अस्पताल में चल रहा था। अभिनेता के अलावा रवीन्द्र बेर्डे की एक और पहचान यह है कि वे लक्ष्मीकांत बेर्डे के भाई थे। दोनों ने एक साथ कई फिल्मों में काम भी किया।
खबरों के अनुसार, दो दिन पहले ही उन्हें अस्पताल से घर लाया गया था। घर आने के बाद अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। वे बीस साल की उम्र में नभोवनी और 1965 में थिएटर से जुड़े थे। उन्होंने 300 से अधिक मराठी फिल्मों में काम किया था। उनके निधन से मराठी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर आ गई है। रवींद्र बेर्डे के परिवार में उनकी पत्नी, दो बच्चे, बहू और पोते-पोतियां हैं।
पर्दे पर रवींद्र की जोड़ी को अशोक सराफ, विजय चव्हाण, महेश कोठारे, विजू खोटे, सुधीर जोशी और भरत जाधव के साथ खूब सरहाना मिली। उन्होंने कई तरह के किरदारों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई। मराठी के साथ-साथ हिंदी सिनेमा में रवीन्द्र सक्रिय थे। वे सिंघम, चिंगी जैसी हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय का जादू दिखा चुके हैं।
साल 1995 में एक नाटक के मंचन के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद साल 2011 में वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, लेकिन कला से जुड़कर उन्होंने इन मुश्किलों पर भी आसानी से काबू पा लिया। नाटक के प्रति उनके जुनून को इस बात से समझा जा सकता है कि कैंसर से पीड़ित होने के बावजूद वे नाटक देखने जाया करते थे।
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