नई दिल्ली: अपने दो बच्चों की कस्टडी के लिए एक इंडियन कपल ने सीधे नॉर्वे की सरकार से बेझिझक टक्कर ली थी. दुनियाभर में चर्चित इस कस्टडी बैटल को एक दशक से भी अधिक का समय हो गया है. अब इस भारतीय परिवार की कहानी सिल्वर स्क्रीन पर धूम मचाने वाली है. आपको बता दें […]
नई दिल्ली: अपने दो बच्चों की कस्टडी के लिए एक इंडियन कपल ने सीधे नॉर्वे की सरकार से बेझिझक टक्कर ली थी. दुनियाभर में चर्चित इस कस्टडी बैटल को एक दशक से भी अधिक का समय हो गया है. अब इस भारतीय परिवार की कहानी सिल्वर स्क्रीन पर धूम मचाने वाली है. आपको बता दें कि रानी मुखर्जी की फिल्म में इस कपल की रियल लाइफ स्टोरी को दिखाया गया है।
बॉलीवुड एक्ट्रेसस रानी मुखर्जी की अपकमिंग फिल्म “मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे” जल्द सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. इस फिल्म में एक कपल की सच्ची कहानी को बताया गया है. ये फिल्म एक महिला की ऐसी सच्ची कहानी है जिसने अपने बच्चों के लिए बेझिझक एक देश से लड़ाई लड़ी. इस फिल्म का पोस्टर भी कुछ दिन पहले ही रिलीज किया गया था. मोशन पोस्टर में एक्ट्रेसस रानी मुखर्जी को एक साहसी महिला के रूप में दिखाया गया है. अब लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर पूरे एक देश से बेझिझक टक्कर लेने वाले वो कपल कौन हैं? जिस पर ये फिल्म बनी है।
बता दें कि नॉर्वे की चाइल्ड वेल्फेयर सर्विसेज ने साल 2011 में एक भारतीय कपल अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के दोनों बच्चों अभिज्ञान और ऐश्वर्या को फॉस्टर केयर में भेज दिया था. नॉर्वे के अधिकारियों ने यह आरोप लगाया था कि सागरिका भट्टाचार्य ने अपने दो बच्चों अभिज्ञान और ऐश्वर्या को थप्पड़ मारा, जबरदस्ती खिलाया और बच्चों पर ज़ुल्म किया. अधिकारियों के अनुसार बच्चों के पास खेलने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं थी और कपल पर अपने बच्चों को सही से देख-भाल नहीं कर पाने का आरोप भी लगाया था. इसलिए नॉर्वे की CWS ने बच्चों को फॉस्टर केयर में भेजने का निर्णय लिया. इसके अलावा यह भी तय किया गया कि बच्चे 18 साल की उम्र तक वहीं रहेंगे और पैरेंट्स को उनसे मिलने की अनुमति नहीं होगी.
कपल ने इस फैसले का विरोध किया और करीब 10 साल की लंबी लड़ाई लड़ी तब जाकर अपने बच्चों को वापस किया. ये फिल्म इसी कपल पर आधारित है. यह फिल्म सिनेमाघरों में 17 मार्च को रिलीज होगी.
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