नई दिल्ली: रामोजी फिल्म सिटी के संस्थापक रामोजी राव अब इस दुनिया में नहीं रहे.आज सुबह हैदराबाद के स्टार हॉस्पिटल में निधन हो गया. इस खबर को सुनने के बाद उनके फैंस और सेलेब्स सदमे में हैं.
साउथ इंडस्ट्री से बहुत दुखद खबर आ रही है. ईनाडु और रामोजी फिल्म सिटी के संस्थापक रामोजी राव का आज सुबह यानि 8 जून को तेलंगाना के हैदराबाद में निधन हो गया.वहीं प्रतिष्ठित मीडिया और फिल्म प्रोड्यूसर रामोजी राव का हैदराबाद के स्टार हॉस्पिटल में इलाज के बीच निधन हुआ है. उन्होंने सुबह 3:45 बजे आखिरी सांस ली. प्रोड्यूसर रामोजी राव 87 साल के थे. उनकी निधन की खबर सुनते ही साउथ इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है. सभी उनके निधन का शोक जाता रहें हैं.
रामोजी राव को सांस फूलने और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या थी. उसके बाद 5 जून को हैदराबाद के नानकरामगुडा में स्टार हॉस्पिटल्स में एडमिट कराया गया था. डॉक्टरों ने रामोजी को बचाने की बहुत कोशिश की उनके हार्ट में स्टेंट लगाया गया था और उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर पर भी रखा गया था. लेकिन उनकी हालत काफी बिगड़ती चली गई और आज सवेरे उन्होंने हमेशा-हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया.रामोजी राव ने कुछ साल पहले कोलन कैंसर से लड़ाई लड़ी थी. उन्हें लंबे समय से पुरानी बीमारी और ओल्ड आगे से हेल्थ इश्यू से जूझ रहे थे.
बता दें कि मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फिल्म सिटी के प्रोड्यूसर रामोजी राव के निधन पर शोक व्यक्त किया।
रामोजी जी शुरुआत से अंत तक की यात्रा वास्तव में सभी के लिए इंस्पायरिंग है. 16 नवंबर, 1936 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पेडापारुपुडी गांव में एक छोटे से किसान परिवार में रामोजी राव का जन्म हुआ था. उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा थीम पार्क और फिल्म स्टूडियो, रामोजी फिल्म सिटी से बनाया था. उनके बिजनेस एम्पायर में मार्गादारसी चिट फंड, नेटवर्क, रामादेवी पब्लिक, ईनाडु न्यूजपेपर, ईटीवी, स्कूल, प्रिया फूड्स, कलंजलि, उषाकिरण मूवीज, मयूरी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स और डॉल्फिन ग्रुप ऑफ होटल्स भी शामिल हैं.
एक श्रेष्ठ मीडिया के रूप में, रामोजी राव ने तेलुगु राजनीति पर महत्वपूर्ण असर डाला था. कई राज्य और राष्ट्रीय नेताओं के साथ उनके काफी अच्छे रिलेशनशिप थे जो अहम मुद्दों पर उनकी सलाह लेते थे. पत्रकारिता, साहित्य, सिनेमा और शिक्षा में उनके अहम योगदान के लिए, भारत सरकार ने उन्हें 2016 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.
रामोजी राव ने 1984 की ब्लॉकबस्टर रोमांटिक ड्रामा श्रीवारिकी प्रेमलेखा के साथ फिल्म निर्माण में कदम रखा था और मयूरी, प्रतिघातन, मौना पोरतम, मनसु ममता, चित्रम और नुव्वे कवली सहित कई क्लासिक्स का निर्माण किया था. उनकी आखिरी फिल्म दगुदुमुथा दंडकोर थी, जो 2015 में रिलीज़ हुई थी.
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