सुप्रीम कोर्ट ने संजय लीला भंसाली की मूवी पद्मावत को पूरे देश में रिलीज करने का आदेश दे दिया है. ऐसे में करणी सेना के अलावा छत्तीसगढ़ में राजपूत समाज ने धमकी दी है. राजपूत समाज ने धमकी दी है कि अगर फिल्म सिनेमाघरों पर दिखाई गई तो थिएटर जलाए जाएंगे. फिल्म की रिलीज और बैन को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है. राज्य सरकारों की तरफ से एएसजी तुषार मेहता इस मामले की पैरवी कर रहे हैं वहीं वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे फिल्म निर्माता की तरफ से मामला देख रहे हैं.
रायपुर. गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में फिल्म पद्मावत पर लगाए जा रहे बैन को रोककर सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म को राहत तो दी लेकिन निर्देशक संजय लीला भंसाली की मुश्किलें अब भी थमी नहीं हैं. पद्मावती के बदलकर पद्मावत की गई इस फिल्म का शुरु से विरोध करता रहे राजपूत समाज के एक सदस्य ने छत्तीसगढ़ में इसपर पूरी तरह बैन लगाने की मांग की है. ऐसा न करने की स्थिति में इस फिल्म को दिखा रहे थिएटरों में आग लगाने की धमकी भी दी है. दरअसल राजपूत समाज ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में गृहमंत्री रामसेवक पैकरा को एक मेमोरेंडम सौंपा है जिसमें फिल्म को पूरी तरह से बैन करने की मांग कि जिक्र किया गया है.
वहीं दूसरी ओर एक विवादित बयान में हरियाणा भाजपा के पूर्व मीडिया कार्डिनेटर सूरज पाल अम्मू ने कहा है कि अगर यह फिल्म रिलीज की गई दो देश के दो हिस्से हो जाएंगे. बताते चलें अम्मू ने इससे पहले फिल्म की मुख्य अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का सिर काटने वाले को 10 करोड़ का ईनाम देने की घोषणा की थी.
गौरतलब है कि लंबे समय से विवादों में रहने के बाद आखिरकार कोर्ट की ओर हरि झंडी पा चुकी फिल्म पद्मावत को अब 25 जनवरी को रिलीज किया जाना है. हालांकि इस फिल्म को पिछले साल 1 दिसंबर को ही रिलीज होना था लेकिन करणी सेना और अन्य संगठनों द्वारा प्रदर्शन के कारण रिलीज को टालना पड़ा था. इस दौरान ये विवाद इतना बढ़ा कि फिल्म से जुड़े लोगों को धमकियां तक दी गईं.
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